कब मिलेंगे… ये भी फिलहाल कुछ स्पष्ट नहीं
इंदौर। कई दशक से बन पड़ी हुकुमचंद मिल (Hukumchand Mill) मजदूरों की यह दिवाली भी बकाया पैसों के इंतजार में ही बीत गई। चुनाव आयोग की अनुमति का हवाला देकर सरकार की ओर से हाई कोर्ट में लगाए गए आवेदन के चलते भुगतान की प्रक्रिया अटक गई है। इसका निदान कब तक होगा, फिलहाल कुछ भी स्पष्ट नहीं है।
गत 20 अक्टूबर को आदेश जारी कर हाई कोर्ट (High Court) ने दो सप्ताह में मजदूरों सहित अन्य का बकाया भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे जिससे मजदूरों को उम्मीद बंधी थी कि दीपावली (Dipawali) तक उन्हें बकाया मिल जाएगा लेकिन सरकार (हाउसिंग बोर्ड) की ओर से एक आवेदन देकर विधान सभा चुनाव के चलते चुनाव आयोग की अनुमति और बोर्ड बैठक का हवाला देते हुए कोर्ट से भुगतान के लिए 45 दिन का समय मांगा। इससे इंकार करते हुए हाई कोर्ट ने सरकार को 28 नवंबर तक का समय देते हुए निर्देशित किया है कि यदि इस अवधि तक भुगतान को लेकर वह चुनाव आयोग की अनुमति से लेकर बोर्ड बैठक और अन्य औपचारिक प्रक्रिया पूरा करने में असफल रहती है तो कोर्ट अपना 20 अक्टूबर 2023 को जारी आदेश वापस ले लेगी और सरकार/बोर्ड को कोई और अवसर नहीं देते हुए मिल की जमीन कांपनीस एक्ट के मुताबिक मिल की संपत्ति नीलाम की जाएगी। कोर्ट के इस आदेश को लगभग एक सप्ताह होने जा रहा है, इसके बाद भी चुनाव आयोग से अनुमति मिलने की अभी तक कोई सूचना नहीं है। हाई कोर्ट द्वारा दी गई उक्त अवधि में 14 दिन बचे हैं, 29 नवंबर को फिर सुनवाई होगी।
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