नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Union Ministry of Road Transport and Highways) ने साइबर खतरों (cyber threats) से बचाने के लिए चार पहिया वाहनों, यात्री और वाणिज्यिक वाहनों की कुछ श्रेणियों के लिए समान साइबर सुरक्षा और प्रबंधन प्रणाली (Cyber Security and Management System) का प्रस्ताव दिया है। मंत्रालय ने ‘साइबर सुरक्षा और साइबर सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली के संबंध में वाहनों की स्वीकृति’ शीर्षक वाले मसौदे में यह प्रस्ताव दिया है।
मसौदे में कहा गया है कि साइबर सुरक्षा के संबंध में वाहन के प्रकार के अनुमोदन के लिए आवेदन वाहन निर्माता या उनके विधिवत मान्यता प्राप्त प्रतिनिधि की ओर से पेश किया जाएगा। इसी साल 14 जुलाई को हुई वाहन उद्योग मानक समिति (Vehicle Industry Standards Committee) की 66वीं बैठक में चर्चा के आधार पर साइबर सुरक्षा और प्रबंधन प्रणाली से युक्त वाहनों के अनुमोदन के लिए एक ऑटोमोटिव उद्योग मानक तैयार करने पर सहमति बनी थी।
रिपोर्ट में कहा गया कि इस मानक का उद्देश्य एम और एन श्रेणी के मोटर वाहनों में लगे सीएसएमएस के लिए समान प्रावधान तैयार करना है। ये मानक अधिकृत पक्षों की ओर से वाहन, उसके डाटा, कार्यों और संसाधनों और ऐसी पहुंच की शर्तों तक पहुंच को नियंत्रित करने वाले अन्य मानकों, क्षेत्रीय या राष्ट्रीय कानूनों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना है।
साइबर सुरक्षा का मतलब वह स्थिति है, जिसमें सड़क पर वाहनों और उनके कार्यों को साइबर खतरों से लेकर बिजली या इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों तक सुरक्षित रखा जाता है। सीएसएमएस का मतलब एक व्यवस्थित जोखिम आधारित दृष्टिकोण है जो वाहनों के साइबर खतरों से जुड़े जोखिम का समाधान करने और उन्हें साइबर हमलों से बचाने के लिए संगठनात्मक प्रक्रियाओं, जिम्मेदारियों और शासन को परिभाषित करता है।
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