उत्तरकाशी (Uttarkashi)। निर्माणाधीन सुरंगों (tunnels under construction) में भूस्खलन (landslides) का हर पल खतरा (every moment danger) रहता है। यही वजह है कि सुरंग के संवेदनशील हिस्सों (sensitive parts tunnel) में ह्यूम पाइप बिछाए जाते (Hume pipes laid) हैं जिससे कभी भूस्खलन से सुरंग बंद होती है तो अंदर फंसे मजदूर ह्यूम पाइप से सकुशल बाहर निकल आते हैं।
निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग (Silkyara Tunnel under construction) में भी ह्यूम पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा था लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि जिस दिन हादसा हुआ उस दिन संवेदनशील हिस्से में ह्यूम पाइप नहीं बिछाए गए थे। बीते रविवार सुबह निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन की घटना घटी। मजदूरों ने बताया कि यहां डंपरों में रखे ह्यूम पाइप का इस्तेमाल संवेदनशील हिस्सों में किया जाता था। पाइप बिछे होते तो मजदूर अंदर नहीं फंसते। वह अब तक पाइपों के जरिए बाहर आ चुके होते।
एनएचआईडीसीएल के निवर्तमान महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि सुरंग में ह्यूम पाइप बिछाने का आइडिया उन्हीं का था। इन ह्यूम पाइप को सुरंग के अंदर संवदेनशील और खतरे वाले जगहों पर लाइन से बिछाया जाता था। उन्होंने आशंका जताई कि इस बार शायद किसी को अंदाजा नहीं था कि इस तरह का कुछ होगा।
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