नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तेलंगाना में कांग्रेस के ‘अल्पसंख्यक घोषणापत्र’ पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपने कांग्रेस सदन का नाम बदलकर ‘आरएसएस अन्ना’ रख देना चाहिए. तेलंगाना में 30 नवंबर को वोटिंग होने वाली है. इसके लिए बीजेपी, कांग्रेस और बीआरएस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है.
एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, ‘कांग्रेस सदन को नया नाम दिया जाना चाहिए- आरएसएस अन्ना. उन्होंने ऐलान किया है कि वे हैदराबाद में एक नया शहर बनाएंगे और हैदराबाद घोषणा करेंगे. मुझे पूरा यकीन है कि आरएसएस से आया हुआ शख्स हमारे इस क्षेत्र को उजाड़ना चाहता है और यहां तोड़फोड़ करना चाहता है.’ ओवैसी लगातार कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं. दूसरी ओर कांग्रेस एआईएमआईएम को बीजेपी की टीम बताकर उस पर हमला बोल रही है.
कांग्रेस ने किया है जातिगत जनगणना का ऐलान
दरअसल, कांग्रेस पार्टी की तरफ से तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए ‘अल्पसंख्यक घोषणापत्र’ का ऐलान किया. इसके जरिए पार्टी ने शपथ ली कि पार्टी राज्य में अल्पसंख्यकों के ‘वित्तीय उत्थान और सशक्तिकरण’ के लिए काम करेगी. कांग्रेस ने सत्ता संभालने के पहले छह महीनों के भीतर जाति जनगणना कराने का वादा किया. इसने अल्पसंख्यकों के कल्याण के बजट को 4000 करोड़ रुपये तक बढ़ाने की बात भी कही. मुस्लिमों के लिए भी एक योजना का ऐलान किया है.
वहीं, कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में ये भी कहा गया है कि बेरोजगार अल्पसंख्यक युवाओं और महिलाओं के लिए रियायती कर्ज मुहैया कराने के लिए हर साल 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे. पार्टी ने ‘तेलंगाना सिख अल्पसंख्यक वित्त निगम’ का भी वादा किया. इसमें कहा गया कि वह ‘अब्दुल कलाम तौफा-ए- तालीम योजना’ के तहत एमफिल और पीएचडी पूरा करने पर मुस्लिम, ईसाई और सिख युवाओं को 5 लाख रुपये सालाना देगी.
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