नई दिल्ली (New Delhi)। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Elections) में गुरुवार को अपने प्रत्याशी के समर्थन में उतरे समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव (Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav) उस समय अचानक एक पत्रकार पर भड़क गए जब उसने टोंटी चोरी से संबंधित सवाल पूछ लिया। इस दौरान उन्होंने पत्रकार को भाजपा का एजेंट तक कह दिया। हंगामे मचने पर पुलिस ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव इन दिनों मध्य प्रदेश में अपनी पार्टी के लिए खूब मेहनत कर रहे हैं। कई सीटों पर मजबूत उम्मीदवार उतारकर पूरा जोर लगा रहे अखिलेश यादव गुरुवार को उस समय भड़क गए जब उन्हें एक पत्रकार ने ‘टोंटी चोरी’ के आरोपों को लेकर सवाल पूछ लिया। अखिलेश यादव ने उसे भाजपा का एजेंट भी बता डाला और नाम पूछते हुए उसकी फोटो खींचे जाने की बात कही।
यह विवाद 2018 का है, जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सरकारी आवास खाली करने को कहा था। भाजपा ने आरोप लगाया था कि आवास से निकलने से पहले अखिलेश यादव ने नल भी खोल लिए। भाजपा उन्हें ‘टोंटी चोर’ कहने लगी। अखिलेश यादव ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए सरकारी अधिकारियों पर उनके महंगे सामानों को चोरी करने का आरोप लगाया।
इस बीच समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि पत्रकार के रूप में एक अपराधी पन्ना के प्रेस कॉन्फ्रेंस में आ गया था। पार्टी ने एक्स पर लाल घेरे के साथ तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘मध्य प्रदेश के अजयगढ़ में पन्ना विधानसभा की सभा में माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी की प्रेस वार्ता में पत्रकार के भेष में पहुंचा अपराधिक किस्म का संदिग्ध व्यक्ति। मध्य प्रदेश पुलिस जांच करे और बताए ये अपराधी प्रेस वार्ता में कहां से आया?’
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