बीजिंग। आर्थिक बदहाली से चीन सरकार [Chinese government] का दिमाग भी चकरा गया है, उसे समझ नहीं आ रह है कि वह अपने युवाओं को रोजगार [employment] कैसे दें? लिहाजा, उसने सरकारी नौकरी [Government Job] की मांग करने वाले युवाओं को अजीबो-गरीब काम पकड़ा दिए। किसी को मूंगफली बेचने के काम में लगा दिया तो किसी को गांव-गांव जाकर सरकार की योजनाओं [Plans] का प्रचार-प्रसार करने वहां की धूल छानने के लिए मजबूर कर दिया। हालांकि, जो युवा ऐसा करने में सक्षम हो रहे हैं, उनमें सरकारी नौकरी की आस भी बंधी है।
नौकरी मांग रहे युवाओं को सरकार ने कहा है कि पहले गांवों में सरकार का प्रचार करो, फिर इसके एवज में उन्हें सिविल सेवा में वरीयता दी जाएगी। इसके अलावा निजी नौकरियों में भी प्राथमिकता देने का वादा किया गया है। हालांकि सरकार का मानना है कि इससे शहरों और कस्बों की भीड़-भाड़ कम की जा सकती है। युवाओं को गांवों में स्थानीय फसलों की गुणवत्ता में सुधार, प्रचार दीवारों को चित्रित करने और किसानों के लिए पार्टी के नेतृत्व की प्रशंसा करने का भी काम सौंपा जाएगा।
– इस तरह बेचना पड़ रही मूंगफली
ऐसी ही एक युवती है चेन है, उसे झींगा से लेकर मूंगफली तक के स्थानीय उत्पादों को बेचने के लिए ई-कॉमर्स चैनल स्थापित करने का काम सौंपा है। चेन ने कॉलेज में अध्ययन किया और अब दक्षिणी चीन में वीडियो बनाने के लिए कम्युनिस्ट यूथ लीग के साथ काम कर रही है। सरकार का विचार है कि वह ग्रामीण उत्पादों से आय पैदा करेगी।
-गांव में ये काम भी कर रहे
दक्षिणी शहर गुआंगजो के पश्चिम में एक गांव में कॉलेज के छात्र स्वयंसेवकों के एक समूह ने हाल ही में खरपतवार से भरी एक दीवार पर नशीली दवाओं के विरोधी चिह्न चित्रित किए। इन कॉलेज छात्रों का मानना है कि इस तरह के कदम से सरकारी नौकरी पाने की उनकी संभावना बढ़ जाएगी। एक अन्य गांव में सीसीपी के साथ काम करने वाले युवाओं के एक अन्य समूह ने बच्चों को पढऩा सिखाकर अपना कॅरियर बनाया।
पहले भी ऐसा करते रही है चीनी कम्युनिस्ट पार्टी
युवाओं को ग्रामीण इलाकों में भेजने का विचार चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के इतिहास में दर्ज है, जब 1960 और 1970 के दशक में माओत्से तुंग के नेतृत्व में 1,600 छात्रों को भेजा गया था, उनमें से 15 वर्षीय शी जिनपिंग (वर्तमान राष्ट्रपति) को बीजिंग के एक विशेषाधिकार प्राप्त परिवार से उत्तरी चीन के एक गरीब गांव में ट्रांसफर कर दिया गया था। वह एक साधारण गुफा में सोते थे, भेड़ चराते थे और साथी ग्रामीणों के साथ खेतों की देखभाल करते थे। अब चीन के राष्ट्रपति के रूप में शी जिनपिंग का मानना है कि युवाओं को अधिक दृढ़ होना चाहिए, जो ग्रामीण कार्यों को बढ़ावा देने का आधार भी है। हालांकि आज का अभियान शी जिनपिंग के शिक्षित युवाओं को पहाड़ों और ग्रामीण इलाकों में भेजने के अनुभव से कुछ प्रमुख पहलुओं में अलग है।
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