हैदराबाद (Hyderabad) । तेलंगाना (Telangana) में विधानसभा चुनाव (assembly elections) से पहले प्रचार अभियान तेज हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) शनिवार को तेलंगाना में रैली करने वाले हैं। पीएम मोदी के इस दौरे से पहले ही मडिगा समुदाय को लेकर चर्चा तेज हो गई है। कहा जा रहा है कि पीएम मोदी मडिगा समुदाय को तोहफा दे सकते हैं। वह अनुसूचित जाति में सब कैटगरी बनाने का ऐलान कर सकते हैं।
कितना मायने रखता है मादिका समुदाय
तेलंगाना में अनुसूचित जाति की जनसंख्या में सबसे ज्यादा 60 फीसदी हिस्सेदारी मडिगा समुदाय की है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि 20 से 25 विधानसभा सीटों पर मडिगा ही परिणाम का फैसला करते हैं। इन विधानसभा सीटों में मडिगा समुदाय सबसे ज्यादा है। इसके अलावा 4-5 सीटें ऐसी हैं जहां यह समुदाय दूसरे नंबर पर है।
एससी कैटिगरी में सब कैटिगरी बनाने की मांग इसलिए तेज हुई क्योंकि मडिगा समुदाय का कहना है कि उनके लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वे काफी पिछड़े हैं और दूसरे वर्ग उनके हिस्से का आरक्षण भी ले लेते हैं। इस पूरे मामले को मडिगा रिजर्वेशन पोराता समिति भी देख रही है। बीते महीने एमआरपीएस के संस्थापक मांडा कृष्णा मडिगा ने गृह मंत्री एमित शाह से मुलाकात की थी और अनुसूचित जाति में सब कैटिगरी बनाने का आग्रह किया था। उन्होंने बाद में दावा किया कि भाजपा की तरफ से उनको सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
मडिगा ने कांग्रेस का दिया था साथ
उन्होंने कहा था, हमें उम्मीद हैकि प्रधानमंत्री मोदी परेड ग्राउंट की जनसभा में एससी सबकैटिगराइजेशन का ऐलान कर देंगे और इसके बाद संसद में भी कानून बनाएंगे। इस मीटिंग के परिणाम पर ही निर्भर करता है कि हम लोग किसको समर्थन देने वाले हैं। बता दें कि अगर मडिगा समुदाय भाजपा को समर्थन देता है तो बीआरएस की दलित बंधु स्कीम उसके काम नहीं आएगी 2018 में मडिगा समुदाय ने कांग्रेस का खुलकर साथ दिया था। हालांकि इस बार अब तक इस समुदाय ने मुंह नहीं खोला है कि वे किसके साथ हैं। सूत्रों का कहना है कि भाजपा सब कैटिगराइजेशन के लिए तैयार हो गई है। एमआरपीएस के तेलंगाना अध्यक्ष गोविंद नरेश माडिगा ने कहा कि 2014 के समग्र कुटुंब सर्वे के मुताबिक तेलंगाना में 46 लाख माडिगा हैं और 21 लाख माला हैं।
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