नई दिल्ली (New Delhi) । भारतीय रेल (Indian Rail) 2014 से अब तक पांच लाख लोगों को नौकरी (Job) दे चुकी है। इनमें गत वर्ष 1.5 लाख युवाओं की रेलवे में नियुक्ति दी गई है। इसके लिए विश्व की सबसे बड़ी ऑनलाइन परीक्षा (online exam) आयोजित की गई, जिसमें 2.37 करोड़ अभ्यिर्थियों ने हिस्सा लिया था। इतना ही नहीं रेलवे के कई सार्वजनिक उपक्रमों में तकनीकी व गैर तकनीक पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है।
रेलवे के आंकड़ों के अनुसार ओवर हेड इलेक्ट्रिफिकेशन (ओएचई), रेल लाइनों, सिग्नल सिस्टम, रेलवे स्टेशन पुनर्विकास, सहित विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों में सीधेतौर पर प्रतिवर्ष 10 लाख कामगार-श्रमिकों को काम दिया जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार एक किलोमीटर रेल लाइन बिछाने में सालाना 33,000 मानव श्रम दिवस की आवश्यकता होती है। रेलवे ने पिछले एक साल में 5600 किलोमीटर लंबी रेल लाइनों को बिछाया है। इस प्रकार केवल रेल लाइन बिछाने के कार्य में सालाना पांच लाख लोगों को रोजगार मिला है।
इसके अलावा हेड इलेक्ट्रिफिकेशन (ओएचई), सिग्नल सिस्टम, रेलवे स्टेशन पुनर्विकास, सहित विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों लगे कामगारों-श्रमिकों को जोड़ा जाए तो यह संख्या 10 लाख होती है। 2004-2014 के दौरान रेलवे में 411000 युवाओं का नौकरी मिली। जबकि 2014 से अब तक पांच लाख युवाओं को रेलवे में नौकरी दी जा चुकी है। औसतन हर साल 54 हजार लोगों को नौकरी दी है। इसमें लोको पॉयलेट, स्टेशन मास्टर, ट्रेन मैनेजर, जूनियर इंजीनियर, टेक्नीशियन, कॉमर्शियल क्लर्क व रेल संरक्षा वर्ग के बडी संख्या में कर्मचारी है। इसके अलावा रेलवे के सार्वजनिक उपक्रमों में भर्ती प्रक्रिया चल रही है।
रेलवे के सार्वजनिक उपक्रम हाई स्पीड रेल कॉपरेशन में बुलेट ट्रेन चलाने केलिए 20 विशेष लोको पॉयलेट की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा रोलिंग स्टॉक (इंजन-कोच), डिपो, डाटा बेस, ट्रैक आदि के रख रखाव व मरम्मत के लिए बड़ी संख्या में भर्ती की जा रही है। आवेदन करने की अंतिम तिथि सात दिसंबर 2023 है।
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