नई दिल्ली: पाकिस्तान में आए दिन आतंकी हमले होते हैं. बीते कुछ महीनों में आत्मघाती हमले भी बेतहाशा बढ़े हैं. इससे संकटों से घिरे पाकिस्तान की मुश्किलें और भी बढ़ गई है. पड़ोसी देश के अंतरिम प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकड़ ने कहा की अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से इन हमलों में बढ़ोतरी देखी गई है. इसपर अब तालिबान ने भी प्रतिक्रिया दी और कहा किपाकिस्तान अपनी समस्याओं का समाधान खुद करे.
साल 2021 में अमेरिका के सेना वापस बुलाने के बाद अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया. हैरानी की बात है कि तब पाकिस्तान ने तालिबान के नए शासन का स्वागत किया था. अब जबकि खुद के देश में आतंकी और आत्मघाती हमले हो रहे हैं, तो पाकिस्तान की सरकार तालिबानी शासन पर आरोप मढ़ रही है. आज पाकिस्तान के लिए तालिबान ही गले का फंदा बन गया है. पाकिस्तान का मानना है कि, अफगानिस्तान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान में आत्मघाती हमलों में इजाफा हुआ.
पाकिस्तान के अंतरिम प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने राजधानी इस्लामाबाद में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जब से अफगानिस्तान में तालिबान सत्ता में आया है, तब से पाकिस्तान में आत्मघाती हमले बढ़ गए हैं. इसके लिए उन्होंने आंकड़े भी पेश किए और बताया कि आतंकवादी हमलों में 60 फीसदी और आत्मघाती बम विस्फोटों में 500 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने दावा किया कि यूएस मिलिट्री द्वारा छोड़े गए हथियारों का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ किया जा रहा है.
पाकिस्तान के खिलाफ अफगान धरती का हो रहा इस्तेमाल
पाकिस्तानी पीएम ने आगे कहा की हमें उम्मीद थी कि, तालिबान के सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तान में शांती कायम होगी. पाकिस्तान-विरोधी समूहों, विशेषकर तहरीक-ए-तालिबान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. टीटीपी के हमलों में पिछले दो सालों में 2,267 पाकिस्तानी नागरिक मारे जा चुके हैं.
काकर ने आगे कहा कि, ‘इस दौरान आत्मघाती हमलो में शामिल लोगों में 15 अफगानी नागरिक भी शामिल थे. इसके अलावा अब तक पाकिस्तान की कानून प्रवर्तन एजेंसियों से लड़ते हुए 64 अफगानी नागरिक मारे गए हैं.’ अफगानिस्तान सरकार को इन हमलों की पूरी जानकारी थी लेकिन तालिबान के आश्वासन के बावजूद भी तहरीक-ए-तालिबान के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.
‘अपनी समस्या खुद हल करे पाकिस्तान’
पाकिस्तान सरकार के आरोपों पर जवाब देते हुए तालिबान ने कहा कि, ‘पाकिस्तान को अपनी समस्याओं का खुद समाधान करना चाहिए. हमें बीच में घसीटनें की कोई जरूरत नहीं है. पाकिस्तान में शांती कायम करना हमारा काम नहीं है.’ तालिबान ने आगे कहा की ‘पाकिस्तान सरकार के अंदर हमारी जीत के बाद से असुरक्षा की भावना बढ़ गई है लेकिन इस्लामिक अमीरात हमलों के पीछे नहीं है. अफगानिस्तान में सभी हथियार सेफ हैं. यहां हथियारों की तस्करी प्रतिबंधित है.’
पिछले दिनों पाकिस्तान में बड़े आत्मघाती हमले हुए जिनमें पंजाब प्रांत के मियांवली ट्रेनिंग एयर बेस पर और ग्वादर में घात लगाकर किए गए हमले शामिल हैं. एयर बेस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-जिहाद और ग्वादर हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट ने ली थी. इन हमलों में कई लोगों ने अपनी जान गवाई थी.
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