इंफाल। मणिपुर सरकार के चार जिलों में इंटरनेट पर लगी पाबंदी हटा ली गई है। जिन जिलों से पाबंदी हटाई गई हैं, वहां हिंसा की घटनाएं नहीं हुई हैं। मणिपुर सरकार के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। हालांकि अभी यह पाबंदी अब ट्रायल के आधार पर हटाई गई है। इनमें मणिपुर का उखरुल, सेनापति, चंदेल और तामेनलोंग जिला शामिल है। बता दें कि ये जिले नगा बहुल आबादी वाले जिले हैं।
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद फैसला
मणिपुर सरकार का यह कदम मणिपुर हाईकोर्ट के उस निर्देश के बाद आया है, जिसमें हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को ट्रायल के आधार पर मोबाइल टावर्स का संचालन शुरू करने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि जो जिले जातीय हिंसा से प्रभावित नहीं हैं, उनमें इसकी शुरुआत की जा सकती है।
अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को इन चार जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल हो गई हैं। उखरुल जिले के एक अधिकारी ने बताया कि अभी सिर्फ जिला मुख्यालय में कुछ गिने-चुने मोबाइल टावर्स का संचालन शुरू हुआ है लेकिन अभी कनेक्टिविटी बहुत धीमी है। ट्रायल के आधार पर यह बहाली हुई है।
क्या है विवाद
बता दें कि मणिपुर में बीती 3 मई को शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद से मणिपुर में मोबाइल इंटरनेट पर पाबंदी है। इस हिंसा में अब तक 180 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। मणिपुर में मैतई समुदाय को अनुसूचित जनजाति के तहत आरक्षण देने के आदेश के बाद यह हिंसा शुरू हुई। राज्य में मैतई समुदाय की आबादी कुल जनसंख्या की 53 फीसदी है। वहीं कुकी और नगा समुदाय की आबादी 40 प्रतिशत है। कुकी और नगा समुदाय पहाड़ी जिलों में रहते हैं और मैतई समुदाय सामान्य तौर पर मैदानी इलाकों में रहता है।
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