नई दिल्ली: इजरायल हमास में जारी जंग के बीच गाजा की स्थिति भयावह बनी हुई है. मासूमों के लिए गाजा पट्टी कब्रिस्तान बन चुका है. हालात कितने बदतर हो चुके हैं इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गाजा में हर दस मिनट में एक बच्चे की मौत हो रही है. साथ दो बच्चे घायल हो रहे हैं. फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी है.
फिलीस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक गाजा में मरने वालों की संख्या 10,328 हो गई है. इससे पहले रविवार तक जारी हुए आंकड़ों के अनुसार फिलीस्तीन के 9,770 लोग इजरायल के हवाई हमलों में मारे गए हैं. इसमें 4,100 यानी करीब आधे बच्चे हैं. इसके साथ ही गाजा में 8,067 मासूम घायल भी हुए हैं, जिनमें से कई गंभीर हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को ही दावा किया कि 1,250 बच्चे लापता हैं. ऐसे में मृतकों की संख्या में भारी इजाफा हो सकता है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायली हमले में मारे गए लोगों में 70 फीसदी बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग थे.
गाजा की आबादी में 47 प्रतिशत बच्चे
अक्टूबर के अंत में अंतर्राष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन सेव द चिल्ड्रेन ने बताया कि गाजा पट्टी में इजरायल की बमबारी के तीन सप्ताह में मारे गए बच्चों की संख्या 2019 के बाद से हर साल वैश्विक संघर्ष क्षेत्रों में मारे गए बच्चों की वार्षिक संख्या को पार कर गई है. संयुक्त राष्ट्र कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा युद्ध के दौरान गाजा में इजरायल के हमलों में 4,104 बच्चे मारे गए हैं.ये मौतें एक महीने की हिंसा के दौरान बताई गई हैं. यानी हर दिन औसतन 100 से अधिक बच्चे मारे जाते हैं. यूनिसेफ के अनुसार, गाजा की आबादी में 47 प्रतिशत बच्चे हैं.
गौरतलब है कि इजरायल हमास में जारी जंग को एक महीने से अधिक हो चुके हैं. बीते महीने 7 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने अचानक इजरायल पर हमला कर दिया था. हमास के हमले में 1,400 लोग मारे गए थे और कम से कम 239 लोगों को बंधक बना कर अपहरण कर लिया गया था. इस हमले के बाद से इजरायली सेना जवाबी कार्रवाई कर रही है. इस बीच इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने दावा किया है कि उनके देश की सेना गाजा शहर के बीच में है.
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