कल से डाक मतपत्र, बुजुर्गों और विकलांगों का घर बैठे मतदान
इंदौर। इस बार चुनाव आयोग [election Commission] ने 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के साथ दिव्यांगों को भी घर बैठे मतदान की सुविधा दी है। कल पहले दिन 1884 ने अपने मताधिकार [vote] का इस्तेमाल किया तो 18 मतदाता ऐसे रहे, जिनके घर पहुंचने पर पता चला कि निधन हो गया है। 4666 ने घर बैठे मतदान की सहमति दी थी। वहीं कल से चुनावी ड्यूटी में लगे अधिकारियों-कर्मचारियों, जवानों को डाक मतपत्र के जरिए मताधिकार की सुविधा दी जाएगी। इंदौर [Indore] सहित पूरे मध्यप्रदेश में लगभग 5 लाख वोट 17 नवम्बर के मतदान दिवस से पहले ही डल जाने का अनुमान है।
सवा लाख से अधिक प्रदेशभर में बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता हैं, जिनसे घर बैठे वोटिंग करवाई जा रही है। इंदौर में भी कल से यह प्रक्रिया शुरू हुई और मतदान दलों ने गोपनीयता और सुरक्षा के साथ वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ वोटिंग प्रक्रिया शुरू की। 9 नवम्बर तक यह मतदान चलेगा। वहीं कल 8 नवम्बर से चुनावी ड्यूटी में लगे अधिकारियों-कर्मचारियों को डाक मतपत्र डालने की सुविधा मिलेगी और वे 11 नवम्बर तक मतदान कर सकेंगे।
-यहां डल रहे वोट
इंदौर जिले में ही 20 हजार से अधिक निर्वाचन से जुड़े कर्मियों के अलावा पुलिस बल, होमगार्ड, ड्राइवर, कंडक्टर सहित अन्य को यह सुविधा दी गई है। होल्कर साइंस कॉलेज में बनाए गए फेसिलिटेशन सेंटर पर प्रशिक्षण के दौरान ही ये डाक मतपत्र डलवाए जा रहे हैं। ऐसे कर्मचारी जिनकी ड्यूटी इंदौर से बाहर के जिलों में लगी है, लेकिन वे मतदाता इंदौर के हैं, वे भी 9 से 11 नवम्बर के बीच सेंटर पर आकर वोट डाल सकते हैं। उल्लेखनीय है कि सबसे पहले मतगणना के दिए डाक मतपत्रों की गिनती ही शुरू की जाती है और उसके बाद फिर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से टेबलों पर गिनती शुरू होती है।
-पोस्टल बैलेट पेपर के जरिए डलवाए जाते हैं डाक मतपत्र
डाक मतपत्र पुराने तरीके से ही यानी पोस्टल बैलेट पेपर के जरिए डलवाए जाते हैं और पूरे प्रदेश में साढ़े 6 लाख से अधिक बुजुर्ग, दिव्यांग औऱ अधिकारी-कर्मचारी व पुलिस के जवान शामिल हैं। अनुमान है कि इनमें से 5 लाख लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं। 17 नवम्बर को आम जनता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेगी। उसके पहले डाक मतपत्रों के डलने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved