• img-fluid

    Gaza-Israel war : जंग के बीच इजरायल को भारतीय मजदूरों की सख्‍त जरूरत

  • November 07, 2023

    नई दिल्ली (New Delhi)। गाजा में हमास और इजरायल (Gaza-Israel war ) के बीच बीते एक महीने से जंग जारी है और अब तक 10 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है! 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद से ही गाजा युद्ध का मैदान बन चुका है, जहां हमास के हमले के बाद इजरायल ताबड़तोड़ हमले कर रहा है और आतंकी ठिकाने को मिटाने में जुटा है. हमास के खिलाफ जारी जंग के बीच इजरायल को अब अचानक 1 लाख भारतीय मजदूरों की जरूरत आन पड़ी है. इजरायल भारत से करीब 1 लाख मजदूर ले जाना चाहता है. दरअसल, इजरायली बिल्डर्स एसोसिएशन ने इजरायल की बेंजामिन नेतन्याहू सरकार से 1 लाख भारतीय श्रमिकों की भर्ती की मांग की है.

    अंग्रेजी वेबसाइट ‘द स्टेट्समैन’ ने VOA में प्रकाशित एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा कि इजरायली बिल्डर्स एसोसिएशन ने बेंजामिन नेतन्याहू सरकार से आग्रह किया है कि गाजा पट्टी में इजरायली सेना और हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच अपना वर्क परमिट खो चुके फिलिस्तीनियों की जगह लेने के लिए कंपनियों को 100,000 भारतीय श्रमिकों को काम पर रखने की अनुमति दी जाए. इजरायली बिल्डर्स एसोसिएशन के हैम फीग्लिन ने कहा कि वे इस संबंध में भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं और फिलहाल इसे मंजूरी देने के लिए इजरायली सरकार के फैसले का इंतजार कर रहे हैं.



    उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि हम पूरे सेक्टर में काम करने के लिए भारत से करीब 50,000 से 100,000 कर्मचारियों को शामिल करेंगे और इसे सामान्य स्थिति में लाएंगे. रिपोर्ट की मानें तो करीब 90,000 फिलिस्तीनी ऐसे हैं, जो युद्ध शुरू होने से पहले इजरायल में काम करते थे. हालांकि, 7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के आतंकवादियों द्वारा किए गए क्रूर हमले के बाद उन्हें अब इजरायल में काम करने की अनुमति नहीं है. इसकी वजह से इजरायल के निर्माण उद्योग में भारी मंदी आ गई है, जो कार्यबल की भारी कमी से जूझ रहा है. यही वजह है कि इजरायल में 1 लाख भारतीय श्रमिकों की जरूरत आन पड़ी है.

    यहां ध्यान देने वाली बात है कि भारत और इजरायल ने इस साल मई की शुरुआत में 42,000 भारतीय श्रमिकों को निर्माण और नर्सिंग के क्षेत्र में इजरायल में काम करने की अनुमति देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इस कदम से इजरायल को जीवनयापन की बढ़ती लागत से निपटने में मदद मिलने की उम्मीद थी क्योंकि भारतीय मजदूरों को तुलनात्मक रूप से सस्ता वेतन दिया जाता है. बता दें कि भारत में दुनिया की सबसे बड़ी कामकाजी आबादी है और सैकड़ों भारतीय कामगार पहले से ही मध्य पूर्व में काम कर रहे हैं. अब तक, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या किसी नए सौदे पर हस्ताक्षर किए जाएंगे या वे मौजूदा सौदे में बदलाव करेंगे क्योंकि यह निर्माण और नर्सिंग दोनों क्षेत्रों के लिए केवल 42,000 श्रमिकों को अनुमति देता है.

    Share:

    छत्तीसगढ़ में वोटिंग से पहले नक्सलियों का उत्पात, IED ब्लास्ट में दो जवान और दो मतदान कर्मी घायल

    Tue Nov 7 , 2023
    रायपुर (Raipur) । छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर संभाग के 12 विधानसभा सीटो (assembly seat) में 7 नवंबर को प्रथम चरण का मतदान होना है और इसके लिए खासकर नक्सल प्रभावित इलाक़ो (Naxal affected areas) में मतदान दलों को रवाना कर दिया गया है. वहीं नक्सलियों के चुनाव बहिष्कार के फरमान के बीच मतदान कर्मी अपनी […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    बुधवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved