नई दिल्ली। आर्थिक और कारोबारी गतिविधियों में तेजी के बावजूद देश में बेरोजगारी दर मासिक आधार पर अक्तूबर, 2023 में बढ़कर करीब 2.5 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। इसमें ग्रामीण क्षेत्र की बड़ी भूमिका रही है, जहां एक महीने में बेरोजगारी दर में 4.62 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अखिल भारतीय स्तर पर बेरोजगारी दर अक्तूबर में बढ़कर 10.05 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई। बेरोजगारी दर का यह आंकड़ा मई, 2021 के बाद सबसे ज्यादा है। सितंबर, 2023 में यह दर 7.09 फीसदी रही थी।
आंकड़ों के मुताबिक, ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर पिछले महीने तेजी से बढ़कर 10.82 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई। सितंबर में ग्रामीण बेरोजगारी की दर 6.2 फीसदी रही थी। इस दौरान शहरी बेरोजगारी मामूली घटकर 8.44 फीसदी पर आ गई। सीएमआईई का यह ताजा आंकड़ा 1.70 लाख से अधिक परिवारों के मासिक सर्वे पर आधारित है।
गांवों में इसलिए बढ़ गया संकट
सीएमआईई का कहना है कि इस साल मानसूनी बारिश पिछले पांच साल में सबसे कमजोर रही। इसका असर दुनिया में चावल, गेहूं और चीनी के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश के कृषि उत्पादन पर पड़ रहा है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार प्रभावित हो रहा है। हालांकि, शहरी क्षेत्रों में विनिर्माण और खपत बढ़ने के साथ आर्थिक गतिविधियां अपेक्षाकृत मजबूत रही हैं। देश के बड़े हिस्से में मानसून की अच्छी बारिश नहीं होने के बावजूद चालू फसल वर्ष 2022-23 के लिए खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य 32.8 करोड़ टन रखा गया है।
विकास दर सबसे तेज, पर नौकरियों के लिए नाकाफी
सीएमआईई के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर जारी अनिश्चितताओं के बीच विभिन्न संकेतक बता रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। 2023 और 2024 में घरेलू जीडीपी की रफ्तार 6 फीसदी से अधिक रहेगी, जो दुनिया की अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले सबसे तेज है। हालांकि, यह रफ्तार अब भी इतनी तेज नहीं है कि लाखों लोगों के लिए नौकरियां पैदा कर सके। संगठन के आंकड़ों से पता चलता है कि अक्तूबर में करीब एक करोड़ लोगों ने कुछ काम पाने की उम्मीद में नौकरी बाजार में प्रवेश किया।
3.2 फीसदी रही थी बेरोजगारी दर पिछले वित्त वर्ष के दौरान
हाल ही में सरकार की ओर से अक्तूबर में जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2022-23 में देश में बेरोजगारी दर 3.2 फीसदी रही थी। हालांकि, सरकार सिर्फ देशव्यापी व शहरी बेरोजगारी के आंकड़े ही हर तिमाही में एक बार जारी करती है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved