नई दिल्ली (New Delhi) । अमेरिका (America) के साथ भारत (India) की 2+2 मंत्री स्तरीय वार्ता की तैयारियां जारी हैं। इसी बीच खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) एशिया-पेशिफिक इकोनॉमिक कॉर्पोरेशन यानी APEC की नवंबर में होने वाली बैठक से दूरी बनाने वाले हैं। कहा जा रहा है कि इसकी बड़ी वजह भारत के 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की व्यस्तता हो सकती है। हालांकि, इसे लेकर सरकार ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है।
10 नवंबर को भारत में 2+2 वार्ता आयोजित होनी है। इसमें शामिल होने के लिए अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन अगले सप्ताह नई दिल्ली पहुंच रहे हैं।
अमेरिका यात्रा छोड़ेंगे पीएम मोदी
नवंबर के मध्य में अमेरिका के सेन फ्रांसिस्को में होने वाले APEC शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी शामिल नहीं होंगे। वह कार्यक्रम के लिए किसी और को नामित कर सकते हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चुनावों में व्यस्तता भी इसकी एक वजह हो सकती है। खास बात है कि बैठक में शामिल होने के चलते उनका सामना कनाडाई समकक्ष जस्टिन ट्रूडो से भी नहीं होगा।
2+2 वार्ता और कनाडा
संभावनाएं जताई जा रही हैं कि मंत्री स्तर की वार्ता के दौरान भारत-कनाडा तनाव का मुद्दा भी उठ सकता है। हाल ही में भारत ने कनाडा के 41 राजनयिकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। अब खास बात है कि अमेरिका अब तक इस विवाद में कनाडा का पक्ष लेता नजर आया है। ऐसे में माना जा रहा है कि 2+2 वार्ता के जरिए यह दिखाने की कोशिश की जा सकती है कि कनाडा को लेकर मतभेद का असर द्विपक्षीय रिश्तों पर नहीं होगा।
बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री कनाडा की जांच में भारत के सहयोग की बात भी दोहरा सकते हैं। इससे पहले सितंबर में हुई भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक में भी उन्होंने यह मुद्दा उठाया था। खास बात है कि अमेरिका चाहता है कि भारत, कनाडा के राजनयिकों को बाहर करने के फैसले को वापस ले ले।
2+2 की अहम बातें
भारत ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए बाइडेन को न्योता दिया है, लेकिन अमेरिका की तरफ से इसे लेकर कोई जवाब नहीं आया है। 2+2 वार्ता के दौरान दोनों देश इस पर चर्चा कर सकते हैं। साथ ही आतंकवाद, शिक्षा, स्वास्थ्य, जलवायु समेत कई बड़े मुद्दे भी बैठक के दौरान उठाए जा सकते हैं।
iCET पर भी चर्चा संभव
भारत और अमेरिका के रिश्तों में अगला बड़ा कदम मानी जा रही iCET यानी इनीशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी को लेकर भी मंत्रियों के बीच बातचीत हो सकती है। दोनों देश स्मॉल मॉड्युलर रिएक्टर टेक्नोलॉजी के विकास को लेकर भी समझौते कर सकते हैं। बैठक के दौरान QUAD, इजरायल-हमास युद्ध जैसे मुद्दों पर भी चर्चा संभव है।
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