इन्दौर (Indore)। जरूरतमंद गरीबों के मुफ्त इलाज के लिए सरकार की आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत इंदौर जिले के लिए सरकार ने आयुष्मान कार्ड बनाने का जो टारगेट तय किया था, उससे 8 प्रतिशत ज्यादा कार्ड बनाने का रिकार्ड बनाया है। इस मामले में जिम्मेदारों का कहना है कि खाद्यान्न पर्ची से राशन लेने वालों को भी आयुष्मान योजना में शामिल करने के कारण कार्ड की संख्या टारगेट से ज्यादा हो गई है।
जिला स्वास्थ्य विभाग इंदौर के आयुष्मान भारत योजना प्रभारी डॉक्टर संतोष सिंह सिसोदिया ने बताया कि इंदौर जिले के लिए 11 लाख 74 हजार 252 लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य तय किया गया था। मगर इंदौर में 20 अक्टूबर तक 12 लाख 73 हजार 678 कार्ड बना दिए गए हैं, यानि इंदौर में शत -प्रतिशत की बजाय 108 प्रतिशत आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं, यानि 8 प्रतिशत ज्यादा कार्ड बनाए गए हैं। केंद्र सरकार ने गरीबों के मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान भारत योजना साल 2018 में शुरू की गई थी। इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा चिन्हित गरीब परिवारों का अनुबंधित अस्पतालों में 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज किया जाता है। मुफ्त में इलाज के लिए साल 2011 की जनगणना में चिन्हित गरीब लोगों को ही पात्र मानकर आयुष्मान भारत योजना की पोर्टल की लिस्ट में उन्हीं लोगों या उनके परिवारों को शामिल किया गया है।
जिले में 56 निजी अस्पताल अनुबंधित
डॉक्टर सिसोदिया के अनुसार आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत इंदौर शहर सहित जिले के 56 निजी अस्पतालों को अनुबंधित किया गया है। साल 2018 से शुरू हुई योजना के अंतर्गत इंदौर में अभी तक हजारों जरूरतमन्द अपना इलाज करा चुके हंै।
इसलिए टारगेट से ज्यादा बने कार्ड
डॉक्टर सिसोदिया ने बताया कि टारगेट से 8 प्रतिशत ज्यादा कार्ड बनने की वजह यह है कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत पात्र लोगों के लिए कार्ड बनाने के जो मापदंड तय किए थे, उसके अंतर्गत तो 11 लाख 74 हजार 252 कार्ड ही बनना थे, मगर बाद में सरकार ने अपने नियमो में संशोधन कर दिया। अब शासकीय कंट्रोल से खाद्यान्न पर्ची सम्बल कार्डधारियों के राशन लेने वालों की समग्र आईडी के माध्यम से आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। इस वजह से टारगेट तय होने के बावजूद आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हंै।
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