भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Elections 2023) में टिकट नहीं मिलने की वजह से 1000 से अधिक नेता असंतुष्ट (More than 1000 leaders dissatisfied) हैं. इन असंतुष्टों को मनाने के लिए कांग्रेस (Congress) ने नया फार्मूला (new formula) निकाला है. इन लोगों को फिलहाल संगठनों में जगह दी जाएगी और सरकार बनने के बाद बागियों को मंडलों में एडजस्ट (Rebels adjusted in divisions) किया जाएगा. इधर बीजेपी (BJP) का दावा है कि हमारी पार्टी में असंतुष्ट नेता नहीं है।
असंतुष्ट नेताओं को साधने की जिम्मेदारी कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath), पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh ) व मध्य प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) को सौंपी है. अब तक ये नेता शुजालपुर से बागी हो रहे योगेन्द्र सिंह जौदार बंटी बना जिला कांग्रेस अध्यक्ष, निवाड़ी से रोशनी यादव, सोहागपुर से सतपाल पलिया और ग्वालियर ग्रामीण के केदार कंसाना को मनाने में सफल हो सके हैं. धार से पूर्व सांसद रहे गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी में भी कमलनाथ से चर्चा के बाद मान गए, वे मनावर से टिकट की मांग कर रहे थे, जबकि कांग्रेस ने यहां से डॉ. हीरालाल अलावा को प्रत्याशी बनाया है।
इन सीटों पर नाराजगी
मध्य प्रदेश की जिन सीटों पर बागी कांग्रेस की परेशानी बढ़ती नजर आ रहे हैं उनमें जोबट विधानसभा सीट से सुरपाल सिंह. सुरपाल सिंह ने निर्दलीय फार्म जमा किया है. इसी तरह बड़नगर से मोहन सिंह पलदूना, सुमावली से कुलदीप सिंह सिकरवार. सिकरवार बसपा से चुनाव लड़ रहे हैं. भोपाल की उत्तर विधानसभा से नासिर इस्लाम व आमिर अकील. बैरसिया से जिला पंचायत सदस्य विनय मैहर ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन जमा किया है।
एडजस्ट करने का बनाया प्लान
कांग्रेस ने असंतुष्टों को साधने के लिए प्लान बनाया है. कांग्रेस के प्लान के अनुसार सरकार बनने पर निगम-मंडल और बोर्ड में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के करीब 90 पदों पर कैबिनेट मंत्री और राज्यमंत्री का दर्जा देकर एडजस्ट किया जाएगा. इसके अलावा आयोग, विकास प्राधिकरणों, सहकारी संस्थाओं आदि में असंतुष्टों को फिटकर साधने का प्रयास किया जाएगा।
भाजपा में नहीं कोई असंतुष्ट
बागी व असंतुष्टों को लेकर बीजेपी का मानना है कि हमारी पार्टी में असंतुष्ट कोई नहीं है. बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में असंतुष्ट नहीं है. संतुष्ट और संतुष्ट कार्यकर्ता ही भारतीय जनता पार्टी का मूल भाव है. नाम कमल, पहचान कमल, निशान कमल इस भावना के आधार पर भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता काम करता है और जब आपका भाव ही यह है कि तो स्पष्ट है कि कमल का चुनाव चिन्ह प्राथमिकता है।
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