नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली NCR में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताई. तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि सब कुछ सिर्फ कागजों में हो रहा है. जमीनी हकीकत कुछ और है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब में बड़ी संख्या में पराली जलाई जा रही है. न्यायालय ने पंजाब, यूपी, हरियाणा और राजस्थान को एक हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. पूछा कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए क्या कदम उठाए गए?
सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या हुआ?
सुनवाई के दौरान एयर क्वालिटी मैनेजमेंट अथॉरिटी ने एक हलफनामा देकर कहा कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए हैं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट, अथॉरिटी की दलील से संतुष्ट नहीं हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने कहा वायु प्रदूषण की समस्या हर साल हमारे सामने आती है लेकिन AQI में कोई भी बदलाव देखने को नहीं मिलता है.
सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी ने कहा कि पंजाब में पराली जलाने की घटना सामने आई है. केंद्र सरकार ने दलील दी कि प्रदूषण को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन आज प्रदूषण खराब स्तिथि में हैं. केंद्र सरकार ने कहा कि प्रदूषण की स्तिथि को लेकर एक रिपोर्ट दाखिल की गई है, जिसमें बीते 3 साल और आज के मौजूदा हालात के बारे में बताया गया है. साथ ही प्रदूषण के कारकों के बारे में बताया गया है.
सब कुछ सिर्फ कागजों में हो रहा
केंद्र सरकार ने कहा कि कमीशन ने प्रदूषण को रोकने के लिए कई कदम उठाया है. बीते दो दिन में पराली जलाने की घटना बढ़ी है लेकिन यह पिछले साल की तुलना में 40 प्रतिशत कम है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि प्रदूषण का मौजूदा हालात क्या है? AQI क्या है? इसपर कोर्ट को बताया गया कि आज भी AQI बेहद खराब स्तिथि में है.
हमें आने वाली पीढ़ी की चिंता
इस पर सुप्रीम कोर्ट तल्ख हो गया. कहा कि सभी चीजें सिर्फ पेपर पर हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और है. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इस समय दिल्ली में AQI अच्छी नहीं है. हम आने वाली पीढ़ी के लिए चिंतित है. दिल्ली की एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार नहीं हो रहा है.
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