नई दिल्ली (New Dehli) । मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Elections)में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की भी एंट्री (entry)हो गई है। AIMIM ने बुराहनपुर (AIMIM Burhanpur)विधानसभा सीट से कांग्रेस के बागी (Congress rebels)को चुनाव मैदान में उतारा है। इससे बुरहानपुर में मुकाबला रोचक हो गया है। बता दें कि कांग्रेस और भाजपा इस सीट से अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं दोनों दलों के बागी भी चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस से बागी हुए नेता नफीस मनसा को एआईएमआईएम का सहारा मिल गया है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने शनिवार को नफीस मनसा को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया।
मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट देने की हो रही थी मांग
बता दें कि बुरहानपुर मुस्लिम बहुल इलाका है। कांग्रेस से मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट देने की मांग की जा रही थी लेकिन कांग्रेस ने निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। इसके बाद से मुस्लिम नेताओं में नाराजगी देखी जा रही थी। इसके बाद एआईएमआईएम पार्टी के औरंगाबाद दफ्तर से बुरहानपुर के लिए प्रत्याशी की घोषणा की गई। एआईएमआईएम के प्रत्याशी नफीस मंशा खान देर रात बुरहानपुर पहुंचे। तब हजारों की संख्या में उनके समर्थक भी उन्हें लेने पहुंचे थे।
कांग्रेस-भाजपा दोनों के बागी बुलंद कर रहे आवाज
इसके बाद एक विशाल जनसमूह के साथ नफीस मंशा की शहर में एंट्री हुई। AIMIM के कदम से उसके समर्थकों में उत्साह देखा जा रहा है। वहीं कांग्रेस और भाजपा दोनों ही यहां चिंतित नजर आ रहे हैं। बता दें कि शहर में एक तिहाई अल्पसंख्यक मतदाता हैं जो हर चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। बुराहनपुर में विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा होने के बाद से कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों में बागी आवाज बुलंद कर रहे थे।
बागी बिगड़ेंगे गणित
एक ओर कांग्रेस से अल्पसंख्यक प्रत्याशी की मांग करते हुवे शहर के 23 पार्षदों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, तो दूसरी ओर भाजपा द्वारा पूर्व मंत्री चिटनीस को एक बार फिर से प्रत्याशी बनाए जाने से नाराज पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के पुत्र हर्षवर्धन सिंह ने निर्दलीय नामांकन जमा कर दिया है। इसी बीच अब शहर में चौथे मोर्चे के रूप में एआईएमआईएम की भी एंट्री हो गई है। देर रात बुरहानपुर में भारी संख्या में नफीस मनसा के समर्थकों को देखने के बाद चुनावी समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं।
कांग्रेस के बगियों की ना निष्ठा बची, ना कांग्रेस
मालूम हो कि कांग्रेस से सुरेंद्र सिंह शेरा के नाम की घोषणा होने के बाद अल्पसंख्यक वर्ग का प्रत्याशी चयन किए जाने की मांग को लेकर शहर के 23 अल्पसंख्यक पार्षदों ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इन सभी ने निष्ठावान कांग्रेस नाम से एक नया दल बनाकर किसी अल्पसंख्यक को चुनावी मैदान में निर्दलीय उतारने की घोषणा की थी। इसके लिए शहर के तीन नाम जिनमे नफीस मंशा खान, उबेद शेख और वाजिद इकबाल सुर्खियों में रहे। अब इन्हीं में से नफीस मंशा खान को एआईएमआईएम ने उम्मीदवार बनाया है।
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