– विक्रम उपाध्याय
‘पैसे पेड़ पर नहीं उगते हैं, फिर भी यह कहावत खूब चलती है ‘ लेटस ग्रो योर मनी’। यह कहावत गलत भी नहीं है। पैसे बड़े होते हैं, पर इन्हें बड़े करने के लिए इन्हें सही जगह लगाना होता है। फाइनेंसियल टर्म में इसे स्मार्ट इन्वेस्टमेंट कहते हैं’- ऐसा सर्टिफाइड फाइनेंसियल प्लानर और लेट्स इन्वेस्ट वाइजली कंपनी के फाउंडर कर्नल राकेश गोयल का दृढ़ विश्वास है। साक्षात्कार में वह कहते हैं इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि सही निवेश के जरिये धन जुटाने और अपने बड़े वित्तीय लक्ष्यों को पूरा किया जा सकता है। निवेशकों की सोच होती है कि उच्च लाभ के साथ अपेक्षाकृत सुरक्षित निवेश के विकल्प को कैसे चुना जाए। अपने पैसे का स्मार्ट निवेश करना और उससे अच्छी आय प्राप्त करना एक चैलेंज तो है।
वह कहते हैं कि लेट्स इन्वेस्ट वाइजली ऐसी कंपनी है जो पर्सनल फाइनेंस से संबंधित सलाह लोगों को प्रोफेशनल तरीके से प्रदान करती है। सुरक्षित निवेश के विकल्पों को सुझाते हुए कंपनी पैसे के साथ प्रबंधन में मदद करती है। कंपनी मुख्य रूप से सेवानिवृत्त सेना के लोगों को सेवा प्रदान करती है। कंपनी ने 2018 सितंबर में अपना उद्यम शुरू किया और तब से लगातार लोगों को उनके निवेश में मदद कर रही है। कर्नल गोयल का कहना है कि कि कंपनी का प्राथमिक उद्देश्य व्यक्तियों को उनकी वित्तीय आवश्यकताओं को समझने में मदद करना है और अपनी जोखिम सहनशीलता के अनुसार वित्तीय लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करना है।
वह कहते हैं कि निवेश के लिए सही विकल्प चुनना बहुत जरूरी है। समस्या यह है कि जो पैसा हम अपने बचत खातों में डालते हैं, उस पर कम ब्याज दरें हैं , जो कई बार मुद्रास्फीति की दर से भी कम होती है। यानी बचत खाते का ब्याज हमारे पैसे की क्रय शक्ति नहीं बढ़ा पाता। कर्नल राकेश गोयल स्मार्ट इन्वेस्टिंग का सरल और विश्वसनीय तरीका बताते हैं-
1-अपनी आय या बचत के पैसे का निवेश एक बजट बनाकर कर करें। सबसे पहले अपनी आय का एक हिस्सा म्यूचुअल फंड, स्टॉक या टर्म इंश्योरेंस में निवेश के लिए आवंटित करें। इसे आपात स्थिति या सेवानिवृत्ति के बाद अन्य वित्तीय जरूरतों के लिए वित्तीय सुरक्षा जाल बन जाएगा। यह निवेश अपेक्षाकृत सबसे काम जोखिम वाला है। लगातार बुद्धिमानी से वित्तीय निर्णय लेने से एक सुरक्षित वित्तीय भविष्य सुनिश्चित होता है।
2- स्मार्ट निवेश का निर्णय और इसकी शीघ्र शुरुआत आपके पैसे को बढ़ने और आपके दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों तक पहुंचने में सक्षम बनाती है। वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए एक संरचित वित्तीय योजना आवश्यक है।
3- मौजूदा ऋणों का प्रबंधन करना जरूरी है, विशेष रूप से क्रेडिट कार्ड जैसे उच्च ब्याज दरों वाले ऋण वित्तीय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। इसलिए उच्च-ब्याज वाले ऋणों को तेजी से चुकाने को प्राथमिकता दें और जब तक कर्ज लेने की मजबूरी न हो। इससे बचें। जिम्मेदार ऋण प्रबंधन न केवल आपके क्रेडिट स्कोर को बढ़ाता है बल्कि भविष्य में बेहतर उधार शर्तों को भी सुरक्षित करता है।
4-वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करना एक क्रमिक प्रक्रिया है जो विफलताओं (बाजार की अस्थिरता) के सामने लचीलेपन और प्रयास करते रहने की इच्छा का नाम है । यानी वोलेटाइल मार्केट में आप का स्थिर रहना आवश्यक है। अपनी वित्तीय योजना की नियमित समीक्षा जरूरी है।
5- वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करना एक निरंतर प्रक्रिया है। इसलिए वित्तीय योजनाएं जीवन में होने वाले परिवर्तनों के अनुरूप विकसित की जानी चाहिए। इसलिए समय-समय पर अपने बजट, निवेश और वित्तीय लक्ष्यों का आकलन करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे आपके विकसित होते सपनों और आकांक्षाओं के अनुरूप हैं।
6-लगातार बदलती दुनिया में, नए अवसरों और प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए सजगता आवश्यक है। धन प्रबंधन, निवेश रणनीतियों और बजट के बारे में सीखना और आपकी वित्तीय शक्ति को बढ़ाने और धन निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है। आय स्रोतों में विविधता जरूरी है।
7-अंशकालिक काम के जरिये आमदनी, किराये पर चढ़ी प्रॉपर्टी या लाभांश और आयकर धाराओं में छूट जैसे अवसरों का पता लगाते रहना भी स्मार्ट तरीका है और अपनी वित्तीय संभावनाओं मजबूत करने का भी।
कर्नल गोयल कहते हैं कि एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के अनुसार, अगले पांच-छह वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के लगभग 8% बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि सरकार बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक निवेश में वृद्धि कर रही है और निजी क्षेत्र के भी निवेश आ रहा है। इसलिए इंफ्रा क्षेत्र की कंपनियों में निवेश अच्छा रिटर्न दे सकता है। बढ़ती आबादी और बीमारियों में वृद्धि के कारण, भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की मांग बढ़ रही है। भारत में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और बुनियादी ढांचे की आवश्यकता पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इस क्षेत्र में भी निवेश का फायदा मिल सकता है ।
(लेखक, आर्थिक विषयों के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार हैं।)
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