भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Elections) में कांग्रेस (Congress) ने ओबीसी समुदाय के प्रत्याशियों (OBC community candidates) पर बड़ा दांव खेला है. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh ) में ओबीसी की जनसंख्या 50 प्रतिशत से अधिक है. सबसे पुरानी पार्टी ने ओबीसी समुदाय के 62 उम्मीदवारों (62 candidates from OBC community) को मैदान में उतारा है. राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए कुल 230 सीटों में से 82 सीटें आरक्षित हैं।
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी सहित कांग्रेस नेतृत्व ने मध्य प्रदेश में पार्टी के सत्ता में आने पर जाति जनगणना का वादा किया है. 42 प्रतिशत ओबीसी उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर ‘अपनी बात पूरी’ कर ली है।
नॉन-रिजर्व सीट पर किस समुदाय के कितने प्रत्याशी
गैर-आरक्षित 148 सीटों में से पार्टी ने 80 सीटों पर ऊंची जातियों, राजपूतों और ब्राह्मणों को टिकट दिया है, जबकि दो टिकट मुसलमानों को भी दिए गए हैं. 2018 में कांग्रेस ने 74 टिकट ऊंची जातियों को और 60 टिकट ओबीसी को दिए थे।
कांग्रेस ने उठाए हैं कई कदम
राज्य कांग्रेस ने ओबीसी को मजबूत करने और बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड को कमजोर करने के प्रयास में सामान्य जाति के अपने पुराने लोगों को टिकट देने से भी इनकार कर दिया. इतना ही नहीं अपने मेनिफेस्टो में कांग्रेस ने पिछड़े वर्गों के लिए कई पृष्ठ समर्पित किए हैं, उनके अधिकारों के कार्यान्वयन और उनके समग्र विकास के लिए एक कार्यक्रम तैयार करने के लिए एक समान अवसर आयोग की स्थापना का वादा किया है।
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