भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Elections) को लेकर सभी राजनीतिक दलों का प्रचार-प्रसार जोरों पर है। प्रदेश में 17 नवंबर को मतदान है। इससे पहले राजनीतिक दल हर वर्ग के वोटरों को साधने के लिए घोषणाएं और दावे कर रहे हैं। अब राजनीतिक पार्टियां खुद को आदिवासी, दलित, हिंदू-मुस्लिम से लेकर हर वर्ग की हितैषी बताने में भी जुटी हुई हैं। वोटरों को साधने के लिए उनके महापुरुषों का सम्मान किया जा रहा है।
अब भोपाल (Bhopal) में गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने राजा भोज की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसे उनके बहुसंख्यक वोटरों को एकजुट करने के रूप में देखा जा रहा है। राजाभोज हिंदू अस्मिता के प्रतीक है। राजा भोज से हिंदुओं की आस्था धार की भोजशाला से जुड़ती है। इससे पहले अमित शाह कई बार भोपाल आए, लेकिन उन्होंने कभी राजा भोज की प्रतिमा पर माल्यार्पण नहीं किया। चुनाव से पहले राजाभोज की प्रतिमा पर माल्यार्पण को उनके हिंदुत्व को साधने के रूप में देखा जा रहा है।
चुनाव से पहले राम मंदिर के मुद्दे की भी एंट्री हो गई है। राजनीतिक दलों में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का श्रेय लेने को लेकर सियासत तेज हो गई है। कुछ दिन पहले भाजपा की तरफ से भोपाल और इंदौर में राम मंदिर को लेकर होर्डिंग्स लगाए गए हैं। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य नेताओं के फोटो लगाए गए थे। इसमें लिखा कि भव्य राम मंदिर बनकर हो रहा तैयार, फिर इस बार भाजपा सरकार। इसकी कांग्रेस ने मंदिर का श्रेय लेने बिना अनुमति पोस्टर लगाने चुनाव आयोग को शिकायत कर दी है। इस पर भाजपा प्रचारित कर रही है कि कांग्रेस को बैनर पोस्टर से नहीं प्रभुराम से आपत्ति है।
प्रदेश में 7 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं। वहीं, दूसरे धर्म के वोटरों को भी मिला दें तो भी प्रदेश में करीब 88 प्रतिशत हिंदू वोटर हैं। यह बात सभी राजनीतिक दलों को मालूम है इसलिए बहुसंख्यक वोटरों को साधने के लिए कांग्रेस भी जुटी हुई है। कांग्रेस भी सॉफ्ट हिंदुत्व के राह पर चल रही है। पीसीसी मुख्यालय को हिंदू धर्म से जुड़े कार्यक्रम के आयोजन करते आ रही है।
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