नई दिल्ली। आपका धर्म भले ही चार-चार शादियां (weddings) करने की इजाजत देता हो, लेकिन यदि आप असम (Assam) के निवासी हैं और वहां सरकारी कर्मचारी (Government employee) हैं तो दूसरी शादी (second marriage) करने से पहले सरकार की इजाजत (permission) लेना होगी। माना जा रहा है कि इस फैसले का सबसे ज्यादा असर मुस्लिम (Muslim) कर्मचारियों पर पड़ेगा। वे एक से ज्यादा शादी नहीं कर पाएंगे, चाहे धर्म में एक से ज्यादा शादी करने की इजाजत दी गई हो। वैसे भी असम सरकार अपने निर्णयों को लेकर सुर्खियों में रहती है, मामला चाहे मदरसों से जुड़ा हो या लव जिहाद से। अब सरकारी कर्मचारियों की दूसरी शादी पर पाबंदी लगाने का निर्णय भी सुर्खियां बटोर रहा है।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि यदि आपका धर्म या पर्सनल लॉ आपको दूसरी शादी करने की इजाजत देता है, तब भी सरकारी कर्मचारी को एक से ज्यादा शादी करने के लिए असम सरकार की इजाजत लेनी होगी। यह कानून महिला कर्मचारियों पर भी लागू होगा। मुख्यमंत्री सरमा ने इसी साल अगस्त में एक से ज्यादा शादी पर रोक लगाने वाले प्रस्तावित कानून को लेकर जनता की राय मांगी थी। राज्य सरकार ने कहा था कि हमने एक एक्सपर्ट कमेटी गठित की थी, जिसने राज्य में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून बनाने के लिए विधानसभा के पास अधिकार है या नहीं, इसका अध्ययन किया है। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें राज्य विधानसभा को ऐसा कानून बनाने का पूरा अधिकार होने की बात कही गई है।
असम सरकार ने दूसरी शादी के संबंध में 58 साल पुराने एक कानून को तत्काल प्रभाव से लागू किया है। साथ ही इसे न मानने वालों को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। इस कानून के मुताबिक कोई भी सरकारी कर्मचारी अपने पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं कर सकता है।
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