नई दिल्ली (New Delhi) । नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अगुवाई वाले जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने बिहार (Bihar) के बाहर अपनी ताकत बढ़ाने के लिए इस बार मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में दो सूचियों में दस उम्मीदवारों (candidates) की घोषणा की है। जदयू जिन सीटों पर चुनाव लड़ रही है, उन पर समाजवादी प्रभाव रहा है। वह चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, जदयू को उम्मीद थी कि विपक्ष के ‘इंडिया’ गठबधंन के चलते कांग्रेस के साथ उसका तालमेल हो सकता है, लेकिन कांग्रेस ने इसमें रुचि नहीं दिखाई।
मध्य प्रदेश जदयू के पूर्व नेता शरद यादव का गृह राज्य है। इस नाते यहां पर कुछ क्षेत्रों में उसकी उपस्थिति भी रही है। हालांकि, वह अब इस स्थिति में नहीं है कि कोई सीट जीत सके, लेकिन भाजपा व कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई में कुछ सीटों के समीकरण प्रभावित कर सकती है।
जदयू ने जिन दस सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, उनमें- पिछोर, राजनगर, विजय राघवगढ़, थांदला, पेटलावद, नरियावली, गोटेगांव, बहोरीबंद व बालाघाट शामिल हैं। यह सीटें बुंदेलखंड, महाकौशल व झाबुआ क्षेत्र की हैं। यहां पर कांग्रेस को जदयू के कारण कुछ नुकसान हो सकता है, क्योंकि दोनों ही दल भाजपा के खिलाफ लड़ रहे होंगे। मध्य प्रदेश में भाजपा व कांग्रेस के बीच लगभग सीधा मुकाबला होता है। ऐसे में दोनों दल किसी दल के साथ आम तौर पर तालमेल नहीं करते हैं। एनडीए में रहते हुए भी भाजपा ने पिछले चुनावों में जदयू के साथ सीटों का तालमेल नहीं किया था। चूंकि, राज्य में भाजपा व कांग्रेस में एक-एक सीट के लिए कड़ी लड़ाई होने की संभावना है।
गठबंधन पर असर नहीं पड़ेगा
ऐसे में जदयू अगर कुछ सीटों पर कुछ वोट हासिल करती है तो नजदीकी लड़ाई में वहां के नतीजों पर असर पड़ सकता है। जदयू का कहना है कि इंडिया गठबंधन की मजबूती के लिए उसे उम्मीद थी कि कांग्रेस उसके साथ तालमेल करेगी, लेकिन उसने इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई। ऐसे में जदयू को अपने विस्तार और खासकर राष्ट्रीय दल का दर्जा पाने के लिए दूसरे राज्यों में आगे बढ़ना ही पड़ेगा। उसका कहना है कि इससे लोकसभा चुनावों के लिए इंडिया गठबंधन पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन चुनावों के लिए गठबंधन में सीटों के तालमेल का काम पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद ही होगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved