इंदौर (Indore)। विधानसभा चुनाव लडऩे की चाह रखने वाली निशा बांगरे की काग्रेंस से चुनाव लडऩे की चाहत धरी की धरी रह गई। इस्तीफा देने के बाद भी उन्हें वेटिंग लिस्ट से सब्र करना पड़ रहा है। इसी तरह इंदौर के एक कर्मचारी ने इस्तीफा दे डाला, लेकिन जब पार्टी नेताओं से मैदानी हकीकत जानी तो पैरों तले जमीन खिसक गई। ऐसे में अपनी भलाई नौकरी में ही समझकर फिर से अफसरों से इस्तीफा मंजूर न किए जाने की गुहार लगाकर आवेदन दे दिया। महू जनपद पंचायत में मनरेगा में संविदा के रूप में पदस्थ राजेंद्र वर्मा नामक आपरेटर बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहा था।
उसने हाल ही में संगठन में बात कर अपनी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। चूंकि मनरेगा में होने से इसके इस्तीफा को मंजूर करने का अधिकार कलेक्टर को है। महू जनपद पंचायत सीईओ ने प्रस्ताव बनाकर जिला पंचायत भेज दिया। जिला पंचायत से फाइल कलेक्टर इलैयाराजा टी के पास पहुंची। फाइल पर कलेक्टर हस्ताक्षर कर इस्तीफे को मंजूर करते इससे पहले ही वर्मा ने अपना मन बदल लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी दे दी। उक्त कर्मचारी के अनुसार जिस पार्टी से वह चुनाव लडऩा चाहता था, उनकी कोई तैयारी ही नहीं थी। मैंने पार्टी के कार्यकर्ताओं से लेकर अन्य जानकारी भी मांगी, लेकिन मुझे कोई भी मैदानी तैयारी नजर नहीं आई। इसी के चलते चुनाव नहीं लडऩे का फैसला लिया और अपना इस्तीफा वापस ले दिया। जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन ने बताया कि उक्त कर्मचारी ने इस्तीफा दिया था, लेकिन बाद में लिखित में आवेदन देकर वापस ले लिया है।
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