गुआहाटी (Guwahati)। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (chhattisgarh assembly elections) से ठीक पहले चुनाव आयोग ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Chief Minister Himanta Biswa Sarma) को नोटिस जारी किया है. चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान छत्तीसगढ़ के एकमात्र मुस्लिम मंत्री मोहम्मद अकबर को निशाना बनाने वाली हिमंत बिस्वा सरमा की टिप्पणी के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है. चुनाव आयोग ने हिमंत को 30 अक्टूबर शाम 5 बजे तक नोटिस का जवाब देने को कहा है.
बता दें कि छत्तीसगढ़ में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने भूपेश बघेल की सरकार पर आरोप लगाया कि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में सनातन धर्म को कमजोर कर, राज्य में धर्म परिवर्तन का बाजार खोल दिया है। वहीं गुरुवार को चुनाव आयोग ने राजस्थान के दौसा में अपने भाषण के दौरान कथित चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को भी कारण बताओ नोटिस दिया है।
चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “एक अकबर अगर एक जगह पर आता हैं तो वे सौ अकबर को बुला कर लाते हैं, ये बात भूलिए मत। इसलिए जितनी जल्दी हो सके उस अकबर को आप विदा कीजिए नहीं तो मां कौशल्या की यह भूमि अपवित्र हो जाएगी।”
रैली के दौरान बोलेत हुए शर्मा ने कहा, “हमारे देश में कांग्रेस के शासन काल में लव जिहाद ती शुरुआत हुई। आज छत्तीसगढ़ के आदिवासियों और हमारे असम जैसे राज्यों में आदिवासियों को हर दिन धर्मांतरण के लिए उकसाया जाता है। जब उनके खिलाफ आवाज उठती है तो मुकेश बघेल जी बोलते हैं हम लोग सेक्यूलर हैं। हिंदू को मारना-ठोकना क्या आपका सेक्यूलरिज्म है? ये देश हिन्दू का देश है और ये देश हिन्दू का ही रहेगा। ये सेक्यूलरिजम की भाषा हमें मत सिखाइए।”
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि हिमंत बिश्वा सरमा ने समाज के कुछ वर्गों को एक दूसरे के खिलाफ भड़काने की मंशा से ये टिप्पणियां कीं। कांग्रेस ने ज्ञापन में ‘भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की उपलब्धियों को बढ़ावा देने के लिए लोक सेवकों और सैनिकों को दिए गए सरकारी आदेशों’ के खिलाफ शिकायत की है। उसका कहना है कि सरकार का यह कदम आदर्श आचार संहिता और केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियमावली, 1964 का उल्लंघन है।
सरमा के इस बयान के मद्देनजर चुनाव आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए असम के मुख्यमंत्री को कारण बताओ नोटिस भेजा है। सरमा को 30 अक्टूबर सोमवार शाम 5 बजे तक अपना जवाब पेश करने के लिए कहा है, नहीं तो चुनाव आयोग उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करेगा।
वहीं चुनाव आयोग ने गुरुवार को राजस्थान के दौसा में अपने भाषण के दौरान कथित चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को कारण बताओ नोटिस दिया। आयोग ने प्रियंका गांधी से 30 अक्टूबर शाम 5 बजे तक नोटिस का जवाब देने को कहा है। 20 अक्टूबर को दौसा में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, ”मैंने हाल ही में टीवी पर कुछ देखा… मुझे नहीं पता कि यह सच है या नहीं। पीएम मोदी देवनारायण मंदिर गए और दान पेटी में एक लिफाफा जमा किया। लोग सोच रहे थे कि इसमें क्या है, लेकिन जब इसे खोला गया तो इसमें से 21 रुपये निकले।”
प्रियंका गांधी के खिलाफ भाजपा ने बुधवार को भारत के चुनाव आयोग को एक ज्ञापन दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी पर प्रियंका गांधी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि प्रियंका गांधी राजस्थान की जनता को गुमराह कर रही हैं।
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