नई दिल्लीः उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने यात्रियों के साथ फ्रॉड करने वाली एयरलाइंस कंपनियों और ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर्स को चेतावनी देते हुए हर सीट को पेड नहीं दिखाने को कहा है. ये सभी कंपनियां ‘मुफ्त अनिवार्य वेब चेक-इन के मिसलिडिंग क्लेम के बाद भी प्रत्येक सीट को पेड के रूप में दिखाते हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कंफर्म टिकट होने पर भी यात्रियों को बोर्डिंग करने से मना कर दिया जाता है और फिर रिफंड में काफी देरी की जाती है.
नेशनल कंज्यूमर्स हेल्पलाइन पर पिछले एक साल में एयरलाइंस के संबंध में लगभग 10 हजार शिकायतें दर्ज की गई हैं. डेटा से जानकारी मिली है कि करीब 41 फीसदी शिकायती मामले टिकट कैंसिल होने के बाद रिफंड से मना करने वाले हैं. 15 फीसदी शिकायतें एयरलाइन कंपनियों द्वारा दी जाने वाले सर्विस में कमी को लेकर हैं. जबकि 5 फीसदी शिकायतें वैलिड टिकट रखने वाले यात्रियों के बावजूद बोर्डिंग से इनकार करने से संबंधित हैं.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि बोर्डिंग से इनकार करने पर यात्रियों को या तो अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ती है या बहुत अधिक कीमत पर नए टिकट बुक करने पड़ते हैं. बैठक के दौरान उपभोक्ता मामलों के सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि बड़ी संख्या में शिकायतें यह दर्शाती हैं कि उपभोक्ता शिकायतों का प्रभावी ढंग से समाधान नहीं किया जा रहा है. विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल के दौरान, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन को एयरलाइंस से संबंधित लगभग 10,000 शिकायतें मिलीं. सभी कंपनियों के सीईओ के साथ एक बैठक भी निर्धारित की गई है जहां इस तरह के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
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