कर्नाटक: कर्नाटक पुलिस ने भारतीय सशस्त्र बलों (Armed Forces) में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस सिलसिले में बीते शुक्रवार (20 अक्टूबर) को दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो की रक्षा शाखा की ओर से सोमवार (24 अक्टूबर) को जारी बयान के मुताबिक इन लोगों ने करीब 150 उम्मीदवारों से एक करोड़ रुपये की वसूली की थी. ठगी के शिकार हुए एक उम्मीदवार की ओर से शिकायत दर्ज होने के बाद इंडियन आर्मी की खुफिया यूनिट ने कर्नाटक पुलिस से गिरोह के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी शेयर की थी.
पुलिस और आर्मी इंटेलिजेंस के इनपुट के आधार पर इन दोनों को गिरफ्तार किया गया है. इनकी पहचान चित्रदुर्ग के श्रीरामपुरा पुलिस स्टेशन में हुबली निवासी तथा भारतीय सेना के भगोड़ा 40 वर्षीय शिवराज वटागल, और उसके साथी बीममावा के रूप में हुई है. ठगी के शिकार हुए दावणगेरे जिले के प्रकाश (31) ने शिवराज वटागल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
खुद को बताते थे आर्मी अधिकारी, बना रखे थे फर्जी आई कार्ड
सूत्रों ने बताया है कि गिरफ्तार किए गए लोग खुद को आर्मी अधिकारी बताते थे और पूर्व में कई लोगों की नौकरी लगा चुके होने का दावा कर उम्मीदवारों को अपनी बातों में फंसाते थे. इनके पास से फर्जी पहचान पत्र और सेना में भर्ती से संबंधित कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं.
इनमें सैन्य बलों के फेक आई कार्ड, फर्जी एडमिट कार्ड के अलावा डाकघर के टिकट, सशस्त्र बलों की जॉइनिंग यूनिट की फर्जी मुहरें और नौकरी से संबंधित अन्य दस्तावेज शामिल हैं जिनके जरिए उम्मीदवारों को ठगी के जाल में फसाया जाता था. गिरफ्तारी के बाद उनके खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. इनसे पूछताछ कर उनके अन्य साथियों के बारे में पता लगाया जा रहा है. संदेह है कि ये अंतरराज्यीय (inter state) ठगी गिरोह के गुर्ग हैं.
अंतर्राज्यीय गिरोह के गुर्गे हैं गिरफ्ता शख्स
कर्नाटक पुलिस का कहना है कि दोनों गिरफ्तार लोगों से पूछताछ कर उनके अन्य साथियों के बारे में पता लगाया जा रहा है. जिस बड़े पैमाने पर ठगी हुई है उसमें दो से अधिक की संख्या में लोगों के शामिल होने का अंदेशा है. यह गिरोह ना केवल आर्मी, एयर फोर्स और नेवी बल्कि बीएसएफ, एसएसबी, सीआरपीएफ, आरपीएफ समेत अन्य सशस्त्र बलों में नौकरी का लालच देकर ठगी करता था. मामले में आगे की जांच जारी है.
बता दें कि न केवल कर्नाटक बल्कि देश के हर एक राज्य में इस तरह का गिरोह सक्रिय है, जो सरकारी नौकरी के नाम पर उम्मीदवारों को ठगते रहे हैं. केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से बार-बार दलालों से सावधान रहने की एडवाइजरी जारी किए जाने के बावजूद लोग इनके चंगुल में फंस जाते हैं, जिसका लाभ ऐसे गिरोह के लोग उठाते हैं.
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