इंदौर, प्रदीप मिश्रा। शहर में सालों से बन्द पड़े नामचीन 2 बड़े उद्योगों की लगभग 45 एकड़ जमीन सरकार ने 2 नई कम्पनियों को 99 साल की लीज पर आवंटित कर दी है। अब इस जमीन पर खरीदार कम्पनियां व नए इंडस्ट्रियल पार्क बनाकर उद्योगों के लिए भूखण्ड बेचेगी। इसके बदले में दोनों कम्पनियां जिला उद्योग व्यापार केंद्र को लगभग 10 करोड़ 50 लाख की राशि लीज रेंट के रूप में चुकाएगी। भागीरथपुरा और पोलोग्राउंड औद्योगिक क्षेत्र में सालों पहले ईशर अलॉय कम्पनी और धार टेक्सटाइल्स कम्पनी ने जिला उद्योग व्यापार केंद्र से स्टील व टेक्सटाइल्स प्लांट के लिए लगभग 45 एकड़ जमीन ली थी। उद्योग डालने के लिए ईशर अलॉय को 37 एकड़ और धार टेक्सटाइल्स कम्पनी को 8 एकड़ जमीन जिला उद्योग व्यापार केंद्र ने लगभग 25 साल पहले आवंटित की थी। इनके मालिकों के अनुसार भारी घाटे के चलते सालों पहले यह यह दोनों उद्योग बन्द हो गए।
करोड़ों के कर्ज और देनदारियों के कारण सालों से अब तक यह दोनों कम्पनियों की मौजूदा उद्योग सम्बन्धित प्रॉपर्टी सहित 45 एकड़ जमीन बैंक में बंधक पड़ी रही। इसके बाद दोनों कम्पनियो का मामला डीआरटी नेशनल कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल में चला गया। इधर साल 2020- 21 में मध्यप्रदेश सरकार ने औद्योगिक जमीन सम्बन्धित नीतियों में परिवर्तन और कुछ संशोधन किए, जिसका फायदा इन दोनों कम्पनियों को मिला। आखिरकार इन दोनों कम्पनियों की औद्योगिक प्रॉपर्टी को नीलाम कर दिया गया। नीलामी में सरकार की संशोधित औद्योगिक नीतियों का फायदा उठाते हुए धार टेक्सटाइल्स की प्रॉपर्टी कन्सर्न सिस्टर कम्पनी ने 27 करोड़ रुपए में खरीद ली, वहीं ईशर अलॉय कम्पनी की औद्योगिक प्रॉपर्टी ऐरन डेवलपर ने 75 करोड़ रुपए में खरीद ली। इसके बाद इन दोनों खरीदार कम्पनियों ने जिला उद्योग व्यापार केंद्र को 10 करोड़ पचास लाख रुपए की प्रीमियम लीज रेंट अदा कर दी है। अब दोनों खरीदार कम्पनियां इस जमीन पर विकास कार्य करने के बाद उद्योगों के लिए भूखण्ड आवंटित कर सकेंगी। मगर नियम अनुसार यदि 2 साल के अंदर इन कम्पनियों ने काम शुरू नहीं किया तो जिला उद्योग व्यापार केंद्र इस जमीन का आवंटन निरस्त कर सकेगा।
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