इंदौर (Indore)। जीएसटी विभाग ने दिल्ली से जिन 400 फर्मों की सूची प्राप्त हुई थी उनकी जांच-पड़ताल शुरू की, जिनमें से लगभग 100 फर्में तो बोगस ही मिली, जिनमें कल तक 17 करोड़ रुपए का कर घोटाला हाथ भी आ गया। दूसरी तरफ स्टेट जीएसटी की टीमों ने दो दर्जन ठिकानों पर भी छापे मारे, जिनमें सोना-चांदी से लेकर ड्रायफ्रूट, गारमेंट, इलेक्ट्रॉनिक, तम्बाकू के कारोबार से जुड़ी फर्में शामिल है। अभी चुनावी आचार संहिता के चलते भी सभी विभागों द्वारा बढ़-चढक़र कार्रवाई की जा रही है, तो एंटी इवेजन की दोनों विंगों ने इंदौर, सतना, जबलपुर, भोपाल, ग्वालियर की कई फर्मों पर कार्रवाई की। अपर आयुक्त स्टेट जीएसटी रजनी सिंह के मुताबिक कल से ही यह कार्रवाई शुरू हुई है और आज शाम तक कितना कर अपवंचन इन फर्मों द्वारा किया गया उसकी प्रारम्भिक जानकारी सामने आ सकती है।
वहीं दूसरी तरफ जिन 400 संदिग्ध फर्मों की सूची जांच के लिए मिली थी उनमें से लगभग 100 फर्में तो बोगस ही पाई गई है, जिनमें लगभग 17 करोड़ रुपए की कर चोरी उजागर हुई है। दरअसल केन्द्र और राज्य जीएसटी इस तरह की फर्मों को जांच के दायरे में लेता है और पिछले दिनों दिल्ली से 400 फर्मों की सूची सौंपी गई। अन्य राज्यों में भी इस तरह की फर्जी फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की थी, जो कागजों पर स्थापित है और कर चोरी के साथ-साथ एंट्री घुमाने का काम करती है। इनमें 70 से अधिक फर्में इंदौर की ही हैं। पिछले दिनों भी इन बोगस फर्मों के जरिए बड़े पैमाने पर किया गया आर्थिक घपला उजागर हुआ था। उसके बाद देशभर में इस तरह की बोगस फर्मों की जांच-पड़ताल शुरू की गई। दूसरी तरफ सोना-चांदी, ड्रायफ्रूट से लेकर गारमेंट, इलेक्ट्रॉनिक, मोबाइल और तम्बाकू की व्यापारिक फर्मों पर भी छापे डाले गए हैं।
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