नई दिल्ली (New Delhi) । भारत (India) के चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 mission) में शामिल प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) के फिर से एक्टिव होने की संभावना अभी भी बाकी है। इसरो चीफ एस सोमनाथ (S Somnath) ने हाल के बयान में इसका खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि इसके नींद से जगने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर यह फिर से एक्टिव हुआ भी तो इसरो को इससे कितना फायदा होगा। इसरो चीफ ने साफ किया है कि इस मिशन ने अपना उद्देश्य पूरा कर लिया है। अगर यह जगता है तो आगे कुछ प्रयोग किए जा सकते हैं।
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने गुरुवार को कहा कि चंद्रयान-3 का रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर सो गया है, लेकिन इसके नींद से जागने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य सॉफ्ट लैंडिंग था और इसके बाद अगले 14 दिनों तक प्रयोग किए गए और सभी आवश्यक डेटा एकत्र कर लिया गया है। सोमनाथ यहां मलयाला मनोरमा समूह द्वारा आयोजित मनोरमा न्यूज कॉन्क्लेव 2023 में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि रोवर प्रज्ञान अब वहां शांति से सो रहा है…इसे अच्छे से सोने दो…हम इसे परेशान न करें…जब यह अपने आप उठना चाहेगा, तो उठेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या इसरो को अब भी उम्मीद है कि रोवर फिर से जीवित हो जाएगा। इस पर उन्होंने अपनी उम्मीद जताते हुए कहा कि मिशन में एक लैंडर और एक रोवर शामिल थे। चूंकि लैंडर एक विशाल संरचना था, इसलिए इसका पूरी तरह से परीक्षण नहीं किया जा सका। लेकिन जब रोवर का परीक्षण माइनस 200 डिग्री सेल्सियस पर किया गया, तो यह उससे भी कम तापमान पर काम करता हुआ पाया गया।
उन्होंने कहा कि 42 दिनों के लंबे मिशन के बाद, जिस विकिरण के संपर्क में यह आया और लैंडिंग के दौरान इसे जो झटके महसूस हुए, उससे प्रज्ञान को ठीक होने में कुछ कठिनाई हो सकती है। सोमनाथ ने कहा, इसलिए, भविष्यवाणी करना कठिन है। हालांकि, इसरो प्रमुख ने साफ किया कि चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य पूरा हो गया है।
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