नई दिल्ली: देश के दो सबसे बड़े प्राइवेट बैंक- आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक (ICICI Bank and Kotak Mahindra Bank) पर करोड़ों रुपये का जुर्माना (fine worth crores of rupees) लगा है. भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) ने बैंकिंग से जुड़े कुछ नियमों का पालन नहीं करने के लिए बैंकों पर जुर्माना लगाया है. दोनों बैंकों को कुल मिलाकर 15 करोड़ रुपए से ज्यादा का जुर्माना अदा करना है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने आईसीआईसीआई बैंक पर 12.19 करोड़ रुपए का और कोटक महिंद्रा बैंक पर 3.95 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. बैंकों पर ये जुर्माना अलग-अलग नियमों के उल्लंघन के चलते लगाया गया है. आईसीआईसीआई बैंक पर जुर्माना जहां बैंकिग रेग्यूलेशन एक्ट के प्रावधानों का सही से पालन नहीं करने को लेकर लगाया है. वहीं कोटक महिंद्रा बैंक पर ये जुर्माना रिजर्व बैंक की कई गाइडलाइंस के उल्लंघन को लेकर लगाया गया है.
कोटक महिंद्रा बैंक ने आरबीआई की रिकवरी एलेंट, बैंक के अंदर कस्टमर सर्विस, फाइनेंशियल सर्विसेस की आउटसोर्सिंग में जोखिम प्रबंधन और आचार संहिता और लोन बांटने से जुड़े गाइडलाइंस का सही से पालन नहीं किया. इसलिए उस पर केंद्रीय बैंक ने जुर्माना लगाया है. बैंक इन सभी गाइडलाइंस को लेकर सालाना समीक्षा करने में विफल रहा है. कस्टमर्स के कंफर्ट के एक सबसे बड़े मुद्दे पर बैंक का ध्यान गया है. वो ये कि कोटक महिंद्रा बैंक ये सुनिश्चित करने में विफल रहा है कि लोन रिकवरी एजेंट ग्राहकों को सुबह 7 से शाम 7 बजे की सीमा से बाहर कॉल नहीं करें.
केंद्रीय बैंक ने आईसीआईसीआई बैंक पर फ्रॉड का क्लासिफिकेशन करने और उसकी जानकारी देने में कोताही बरतने को लेकर जुर्माना लगाया है. आरबीआई का कहना है कि बैंकिंग रेग्यूलेशन एक्ट के तहत उसे इस तरह की कार्रवाई करने की शक्ति मिली हुई है, जिसका इस्तेमाल करते हुए उसने ये कार्रवाई की है. आईसीआईसीआई बैंक ने ऐसी कंपनियों को लोन दिया है, जिसके डायरेक्टर्स में दो ऐसे लोग शामिल हैं, जो बैंक के बोर्ड में भी शामिल हैं. ये कंपनियां नॉन-फाइनेंशियल प्रोडक्ट सेक्टर में काम करती हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved