लखनऊ (Lucknow)। बस्ती (Basti) एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने अपहरण मामले (Kidnapping cases) की सुनवाई करते हुए सोमवार को पुलिस की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा किया। 22 साल पुराने केस (22 year old case) कोर्ट (Court) ने एसपी बस्ती को पूर्वमंत्री अमरमणि त्रिपाठी (Former minister Amarmani Tripathi) की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टीम गठित करने का निर्देश दिया है। आरोपी अमरमणि को वारंट तामील कराकर एक नवबंर को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने आदेश में कहा है कि पूर्व तिथि में भी अमरमणि को न्यायालय में उपस्थित किए जाने का आदेश पारित किया गया था। वरिष्ठ जेल अधीक्षक जिला कारागार गोरखपुर से प्राप्त आख्या से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश शासन कारागार प्रशासन द्वारा अमरमणि को 25 अगस्त को कारागार से रिहा कर दिया गया है। बावजूद इसके वह कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। आरोपी अमरमणि के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जा चुका है। ऐसे में अब कोर्ट ने एसपी बस्ती को स्पेशल टीम बनाकर अमरमणि की गिरफ्तारी का आदेश दिया है। इससे पूर्व 16 सितंबर को एमपी-एमएलए कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि डिप्रेशन के आधार पर अमरमणि को कोर्ट में पेशी से छूट नहीं मिलेगी। मामले में दो अन्य आरोपी भी फरार हैं।
गोरखपुर में गठित मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के बाद कोर्ट ने कहा था कि आरोपी डिप्रेशन के आधार पर कितने दिन जिला कारागार में निरुद्ध रहा और कितने दिन अस्पताल में रहा, इसकी हाजिरी रिपोर्ट अगली तारीख में पेश की जाए।
जानें पूरा मामला
आपको बता दें कि छह दिसंबर वर्ष 2001 में बस्ती कोतवाली क्षेत्र के गांधीनगर के धर्मराज गुप्ता का बेटा किडनैप हो गया था। तत्कालीन विधायक अमरमणि त्रिपाठी के लखनऊ स्थित आवास से पुलिस ने धर्मराज के बेटे को बरामद किया था। इस मामले में पूर्व विधायक समेत नौ लोग आरोपित हैं। इनमें पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी, नैनीश शर्मा व शिवम उर्फ रामयज्ञ कोर्ट से गैरहाजिर चल रहे हैं। जिससे मुकदमे की कार्यवाही लंबित है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved