• img-fluid

    चैत्र नवरात्रि के 9 दिन की देवी के 9 खास प्रसाद, जानिए मां का प्रिय फल

  • April 10, 2024

    उज्‍जैन (Ujjain)। आदिशक्ति जगदंबा की आराधना उपासना करने का पर्व नवरात्रि शुरू हो गया है। नवरात्रि का पर्व देवी शक्ति मां दुर्गा की उपासना का उत्सव है. नवरात्रि के नौ दिनों में देवी शक्ति के नौ अलग-अलग रूप की पूजा-आराधना की जाती है. एक वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं चैत्र, आषाढ़, माघ और शारदीय नवरात्र. इनमें चैत्र और अश्विन यानि शारदीय नवरात्रि को ही मुख्य माना गया है. इसके अलावा आषाढ़ और माघ गुप्त नवरात्रि होती है.

    नवरात्रि में 9 अलग-अलग देवियों की पूजा की जाती है. ठीक इसी तरह हर माता का प्रिया भोग और प्रिय फल भी है. जिन्हें चढ़ाने से माता जल्दी प्रसन्न होती हैं और आपके मन वांछित आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है. साथ ही अगर आप दिन के अनुसार यह भोग और प्रिया फल का चढ़ावा नहीं कर सकते हैं तो गुड और चना का प्रतिदिन भोग लगाने से भी माता रानी आपसे प्रसन्न रहेगी.


    तिथियों के हिसाब से माता के प्रिय फल और भोग
    माता के प्रिया फल को लेकर ज्योतिष आचार्य पंडित अनिल कुमार पांडे बताते हैं कि नवरात्रि 1 साल में चार बार आती हैं जिसमें दो गुप्त और दो प्रकट नवरात्रि होती हैं. इस समय शारदीय नवरात्रि शुरू हो गए हैं. पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाती है. उनके लिए घी अधिक प्रिय है इसलिए घी का भोग लगाया जाता है. इनका प्रिय फल अनार है इस दिन अनार माता को चढ़ाना चाहिए. दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है उनके लिए चीनी यानी कि शक्कर का भोग लगाया जाता है और फल में सेब चढ़ाया जाता है. तृतीय दिवस मां चंद्रघंटा का पूजन अर्चन किया जाता है मां चंद्रघंटा के लिए केले का फल पसंद है और उनके लिए दूध का भोग लगाया जाता है.

    महागौरी को नारियल और सीताफल का लगता है भोग
    मां कूष्मांडा स्वरूप की चौथे दिन पूजा अर्चना की जाती है कुष्मांडा माता के लिए मालपुआ का भोग और नाशपाती का फल अर्पित किया जाता है. पांचवें दिन स्कंदमाता की आराधना होती है. इनके लिए केले का भोग और अंगूर का फल चढ़ावे में अर्पित किया जाता है.छटवा दिन मां कात्यायनी का हैं इनको भोग में शहद और फल में अमरूद चढ़ाते हैं. मां कालरात्रि का सातवां दिन होता है इनके लिए गुड का भोग प्रिय है. फल में चीकू पसंद है. नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व होता है अष्टमी के दिन महागौरी की पूजा की जाती है महागौरी के लिए नारियल का भोग और शरीफा यानी कि सीताफल चढ़ाया जाता हैं. नवम यानी की अंतिम दिन सिद्धिदात्री के लिए सफेद तिल का भोग और संतरे का फल अर्पित किया जाता है.

    नवरात्रि में दिन से ज्यादा रात्रि का महत्व है
    नवरात्रि में दिन से ज्यादा रात्रि के महत्व होने का विशेष कारण है। नवरात्रि में हम व्रत संयम नियम यज्ञ भजन पूजन योग साधना बीज मंत्रों का जाप कर सिद्धियों को प्राप्त करते हैं. नवरात्रि हमें यह भी संदेश देती है की सफल होने के लिए सरलता के साथ ताकत भी आवश्यक है जैसे माता के पास कमल के साथ चक्र एवं त्रिशूल आदि हथियार भी है समाज को जिस प्रकार कमलासन की आवश्यकता है उसी प्रकार सिंह अर्थात ताकत ,वृषभ अर्थात गोवंश , गधा अर्थात बोझा ढोने वाली ताकत , तथा पैदल अर्थात स्वयं की ताकत सभी कुछ आवश्यक है।

    Share:

    बुधवार का राशिफल

    Wed Apr 10 , 2024
    युगाब्ध-5125, विक्रम संवत 2081, राष्ट्रीय शक संवत-1946 सूर्योदय 06.03, सूर्यास्त 06.23, ऋतु – ग्रीष्म चैत्र शुक्ल पक्ष द्वितीया, बुधवार, 10 अप्रैल 2024 का दिन आपके लिए कैसा रहेगा। आज आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन हो सकता है, आज आपके सितारे क्या कहते हैं, यह जानने के लिए पढ़ें आज का भविष्यफल। मेष राशि :– आज […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    मंगलवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved