लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में वायरल फीवर (viral fever) लगातार पैर पसारता जा रहा है। वायरल फीवर की वजह से बिजनौर गांव में तीन लोगों की मौत (Three people died in Bijnor village) हो गई। 50 से ज्यादा लोग बुखार से पीड़ित है। बुखार से गांव कशोर और किशोरपुरा में दो की मौत हो गई है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में जगह- जगह गंदा पानी भरा रहता है, गांव मे में कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव (spraying pesticides) भी नहीं कराया जा रहा है। जिसकी वजह से मच्छर पनपते है।
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से गांव में कीटनाशक दवाई का छिड़काव कराने की मांग की है। जिले में बुखार का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुखार रोजाना जान ले रहा है। सरकारी हो या प्राइवेट। मरीजों से अस्पताल भरे हुए हैं। वहीं किरतपुर क्षेत्र के गांव खसौर व रामपुर में बुखार से तीन मौत हो गई है।
वायरल फीवर के लगातार मरीज बढ़ते जा रहे है, जिसकी वजह से गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है। दो दिन में तीन मौत हुई। कई दर्जन लोग बुखार की चपेट में है। दो दिन में बुखार से राज सिंह, अफसाना और आयशा उमर की मौत हो चुकी है। ग्रामीणों ने बताया कि तीनों कई दिन से बुखार से पीड़ित थे। इन दोनों गांव में 50 से अधिक लोग बुखार से पीड़ित है। वहीं किरतपुर ब्लॉक में एक सप्ताह में कई मौत हो चुकी है।
ग्राम छितावर, मुकीमपुर पदार्थ, भनेड़ा, चिड़िया चांडक, ऊमरी, किथोडा, , भनेड़ा, गनौरा, बेगमपुर शादी, बुडगरी, खटाई, बुडगरा, नंगला इस्लाम, जहागीरवाला, भोजपुर, शाहपुर रतन सिंह, खसौर, व आलमपुर गंगा आदि कई ग्रामों में दर्जनों मरीजों को बुखार ने अपनी चपेट में ले रखा है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी बुखार का पूरा असर है। डॉक्टर ईस्वरानंद ने बताया कि गांवो में कैंप लगा कर बुखार पीड़ितों की जांच कर दवाई दी जा रही है।
गांव में बुखार से लोगों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची। टीम ने बुखार की जांच के साथ ही उपचार भी किया। चिकित्सकों ने कहा कि उपचार के साथ-साथ बचाव भी जरूरी है। चिकित्सा प्रभारी अधिकारी ने बताया कि बुधवार को गांव में स्वास्थ्य टीम ने कैंप कर लोगों की जांच की, साथ ही काफी मरीजों का उपचार भी किया। उन्होंने ग्रामीणों को बचाव के तरीके भी बताए। आसपास के गांव में भी बुखार का काफी प्रकोप है, गांव में 5 लोगों की मौत हो चुकी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम को गांव में कैंप कर जांच व उपचार करना चाहिए।
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