जयपुर (Jaipur)। राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly elections) को लेकर कांग्रेस कैंडिडेट्स की लिस्ट (Congress candidates List) अटकी पड़ी है। जबकि बीजेपी (BJP) ने 41 उम्मीदवारों को लिस्ट जारी कर दी है। कांग्रेस के लिस्ट 18 अक्टूबर तक आने के सीएम गहलोत (CM Gehlot) ने संकेत दिए थे। लेकिन संभावना कम है। क्योंकि कांग्रेस के पैनल की तैयार नहीं है। इस बीच सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) से मुलाकात की है। दिल्ली में वेणुगोपाल की आवास पर हुई बैठक में दोनों नेताओं के बीच टिकट बंटवारे को लेकर मंथन हुआ है। चर्चा है कि पायलट ने अपने समर्थक विधायकों को लिस्ट वेणुगोपाल को सौंपी है। सचिन पायलट चाहते है कि उनके समर्थक विधायकों के कम से कम टिकट काटे जाए। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस में इस बार बड़े स्तर पर विधायकों और मंत्रियों के टिकट कटने की संभावना है। ऐसे संकेत सीएम गहलोत और प्रदेश प्रभारी रंधावा ने दिए है।
मंथन में वही पुराने चेहरे, इसलिए अटकी लिस्ट
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सचिन पायलट ने कांग्रेस आलाकमान को पार्टी के दांवों में ही उलझा दिया है। दरअसल, कांग्रेस ने उदयपुर घोषणा पत्र में युवाओं और महिलाओं को टिकट देने का वादा किया था। लेकिन कांग्रेस की अपने स्तर पर जो सर्वे हुए है, उनमें दांवों की हवा निकल गई है। उम्मीदवारों में उम्रदराज है। युवा नहीं है। सचिन पायलट चाहते है कि युवाओं को ज्यादा से ज्यादा टिकट दिए जाए। ऐसे में पार्टी स्तर पर तीन-चार सर्वे होने के बावजूद कांग्रेस की लिस्ट फाइनल नहीं हो पा रही है।
कांग्रेस के नेता अब भी तारीखें बता रहे है
राजस्थान में चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। लेकिन कांग्रेस के नेता अब भी तारीखें बता रहे है। जबकि कांग्रेस ने परंपरा तोड़ कई पहल की घोषणाएं की थीं। सीएम गहलोत ने 18 अक्टूबर के आस पास पहली लिस्ट आने की संभावना जताई है। लेकिन सियासी जानकारों का कहना है कि उदयपुर चिंतन शिविर से दिल्ली में सीडब्ल्यूसी की बैठक तक लगातार कांग्रेस तारीख पर तारीख बदलती गई। अब 18 अक्टूबर को पहली सूची की बात कही जा रही है। कांग्रेस में संगठन, सीएम, प्रभारी स्तर पर 4 सर्वे कराए। सभी के रिजल्ट अलग हैं।राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि नामों पर गहलोत, पायलट और डोटासरा की अपनी-अपनी आपत्तियां हैं। सभी चेहरे वही पुराने हैं। इनमें न युवा हैं और न ही महिलाएं। यानी कांग्रेस कल्चर इस बार भी वही पुराना है।
बसपा से कांग्रेस में शामिल विधायकों को लेकर फंसा पेच
सबसे पहले प्रत्याशियों की पहली सूची लाने का दावा करने वाली पार्टी सितंबर के पहले सप्ताह तक दावेदारों के नामों की स्क्रूटनी शुरू भी नहीं कर पाई। दूसरे-तीसरे सप्ताह में भी तीन-तीन नामों का पैनल नहीं बन पाया। अक्टूबर का दूसरा सप्ताह खत्म होने को है और गहलोत ने कहा कि अब तो मंथन शुरू हुआ है। 18 अक्टूबर तक पहली सूची आ सकती है।पार्टी ने जिस पहली सूची पर मंथन किया है और जो नाम सामने आ रहे हैं, उनमें ज्यादातर बड़ी उम्र के मौजूदा विधायक या पुराने चेहरे हैं। महिला-युवाओं को तवज्जो नहीं दी। अन्य सूची में शामिल करने के दावे किए हैं। जबकि सीएम गहलोत चाहते हैं कि जिन लोगों ने उनकी सरकार बचाने में मदद की थी। उन्हें टिकट दिया जाए। बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों और निर्दलीय विधायकों को लेकर मामला अटका हुआ है। सीएम गहलोत टिकट देना चाहते हैं। जबकि सचिन पायलट की राय अलग है।
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