टोरंटो। कनाडा में एक आव्रजन न्यायाधिकरण ने फैसला सुनाया है कि भारत में खालिस्तानी आतंकवादियों को आश्रय देने और उन्हें खिलाने वाले एक सिख व्यक्ति को देश में प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए। न्यायाधिकरण ने कहा कि उसने जरूरत और प्रतिशोध के डर से ऐसा किया था।
‘नेशनल पोस्ट’ अखबार के अनुसार, आव्रजन एवं शरणार्थी बोर्ड न्यायाधिकरण के सदस्य हेदी वोर्सफोल्ड ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि सरकार के पास भारतीय नागरिक कमलजीत राम को कनाडा में प्रवेश के लिए अमान्य घोषित करने का उचित आधार नहीं है।’
अखबार ने कहा कि आव्रजन न्यायाधिकरण ने फैसला सुनाया कि एक दशक से अधिक समय तक भारत में सशस्त्र खालिस्तानी आतंकवादियों को ‘रखने और उन्हें खिलाने’ वाले सिख व्यक्ति को कनाडा में प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए, क्योंकि उसने ऐसा ‘ज्यादातर जरूरतों के कारण’ और प्रतिशोध के डर से किया था।
संघीय सरकार द्वारा राम को कनाडा से प्रतिबंधित करने का फैसला तब आया, जब उसने एक साक्षात्कार के दौरान कनाडा सीमा सेवा एजेंसी के अधिकारियों को बताया कि उसने 1982 और 1992 के बीच भारत में अपने खेत में सशस्त्र सिख आतंकवादियों को शरण दी थी और उन्हें खिलाया था।
ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित’ संलिप्तता के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक गतिरोध के बीच यह फैसला आया है। निज्जर की दो नकाबपोश बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था।
भारत ने पिछले महीने कनाडा से कहा था कि वह अपनी जमीन से अवैध गतिविधियों को चला रहे आतंकवादियों और भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।
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