भोपाल। पूर्व केंद्रीय मंत्री (former union minister) व मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री रहे सरताज सिंह (Sartaj Singh) का निधन हो गया। गुरुवार सुबह 83 साल की उम्र में उन्होंने भोपाल (Bhopal) में अंतिम सांस ली। सरताज बाबू जी के नाम से पहचाने जाने वाले सरताज सिंह (Sartaj Singh) लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वे 5 बार के सांसद, 2 बार के विधायक थे।
2018 के विधानसभा चुनाव में उनकी परंपरागत सीट सिवनी मालवा से टिकट न मिलने के बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर नर्मदापुरम सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन अपने शिष्य और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीतासरन शर्मा (Former Assembly Speaker Sitasaran Sharma) से उन्हें हार मिली थी। बाद में उन्होंने फिर कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था।
छोटे भाई सुरिंदर पाल सिंह ने बताया कि अंतिम संस्कार 13 अक्टूबर को किया जाएगा। भोपाल से पार्थिव देह इटारसी लाई जाएगी। यहां दोपहर 2 बजे तक अंतिम संस्कार होगा। सरताज सिंह 5 बार के सांसद और 2 बार के विधायक थे। 2018 के विधानसभा चुनाव में अपनी परंपरागत सीट सिवनी मालवा (जिला नर्मदापुरम) से टिकट नहीं मिलने पर वे भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में चले गए थे। भाजपा ने उनका टिकट अधिक उम्र का हवाला देकर काटा गया था। कांग्रेस ने उन्हें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और नर्मदापुरम विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा के सामने नर्मदापुरम से लड़ाया था। सीतासरन शर्मा राजनीति में सरताज सिंह के शिष्य हैं।
सरताज सिंह यह चुनाव हार गए थे। बाद में भाजपा में उन्होंने वापसी कर ली। विधानसभा चुनाव हारने के बाद वे नर्मदापुरम और प्रदेश की राजनीति में बहुत ज्यादा एक्टिव नहीं रहे।
अटल सरकार में 13 दिन केंद्रीय मंत्री रहे
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