गाजापट्टी। फिलिस्तीनी (palestinian) लड़ाके हमास द्वारा इजराइल (israel) में घुसकर किए गए कत्लेआम के लिए हमास के लड़ाके पिछले दो साल से तैयारी कर रहे थे। दरअसल कुछ साल पहले यहां की मस्जिद-ए-अश्क, जिसे मुस्लिम समुदाय के लोग मक्का-मदीना के बाद दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक स्थल मानते हैं, में इजराइली सैनिकों ने घुसकर नमाजियों के साथ बदसलूकी की थी। यह वीडियो वायरल होने के बाद फिलिस्तीनी लड़ाकों और हमास में जबरदस्त गुस्सा था और तब से ही इजराइल पर बड़े हमले की तैयारी की जा रही थी। इसके लिए पहले ईरान से संपर्क कर रॉकेट लांचर और हथियारों का जखीरा खरीदा गया। इसके बाद हमले को अंजाम दिया गया।
झगड़े की जड़… सिर्फ 35 एकड़ जमीन और मस्जिद-ए-अश्क
गाजापट्टी पहले मुस्लिम देश था। धीरे-धीरे यहां यहूदी आते गए और उनकी तादाद बढ़ती गई। उन्होंने यहां की जमीनें हथियाना शुरू कर दीं। तभी से यहूदी और मुस्लिमों के बीच गाजापट्टी को लेकर लगातार जंग जारी है। इजराइल भारत के मणिपुर जैसे राज्य से भी छोटा देश है और यहां झगड़े की जड़ गाजापट्टी की सिर्फ 35 एकड़ जमीन और यहां बनी मस्जिद-ए-अश्क है, जिसे मुस्लिम समुदाय अपना सबसे बड़ा धार्र्मिक स्थल मानता है। माना जा रहा है कि पैगंबर साहब मक्का-मदीना से होते हुए उड़ते हुए घोड़े पर मस्जिद-ए-अश्क रुके थे और यहीं से जन्नत पर गए थे।
पीएम मोदी से भी हुई चर्चा
मंगलवार को नेतन्याहू ने भारतीय समकक्ष मोदी से भी फोन पर बात की। पीएम मोदी को भी धन्यवाद कहा। उन्होंने लिखा कि इस मुश्किलभरे समय में भारत के लोग इजराइल के साथ मजबूती से खड़े हैं। भारत मजबूती के साथ आतंकवाद की निंदा करता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved