नई दिल्ली (New Dehli) । गाजा पट्टी (Gaza Strip)पर इजरायली सेना ने हमले तेज (attack intensified)कर दिए हैं। हमास और इजरायल (Israel)दोनों खेमे से युद्ध (war)में अभी तक कम से कम 3000 लोग मारे (killed)जा चुके हैं। गाजा पट्टी पर इजरायली सेना कहर बनकर टूट रही है। हमास का आरोप है कि इजरायली सेना आम लोगों को निशाना बना रही है। यहां आम लोग बिना बिजली, पानी और भोजन के तरस रहे हैं। उधर, गाजा अधिकारियों और मिस्र के सुरक्षा सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि इजरायली बमबारी ने फिलिस्तीनी क्षेत्र से मुख्य निकासी मार्ग को रोक दिया है। जिसके बाद मिस्र की चिंता बढ़ गई है। मिस्र ने सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है और इजरायल के जमीनी हमले के डर से बॉर्डर पर गश्त भी तेज कर दी है।
रिपोर्टों में कहा गया है कि गाजा पर इजरायल के हमले ने मिस्र में चिंता पैदा कर दी है। उसने इजरायल से नागरिकों को सिनाई की ओर दक्षिण-पश्चिम की तरफ रास्ता देने के बजाय अपने क्षेत्र से सुरक्षित मार्ग प्रदान करने का आग्रह किया है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने मंगलवार को कहा कि गाजा में हमलों की बढ़ती तादाज “अत्यधिक खतरनाक” है और मिस्र क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ हिंसा का बातचीत के जरिए समाधान निकाल रहा है।
मिस्र ने सीमा पर बढ़ाई चौकसी
राज्य समाचार एजेंसी MENA द्वारा रिपोर्ट की गई टिप्पणियों में सिसी ने कहा, मिस्र इस मुद्दे को दूसरों की कीमत पर हल करने की अनुमति नहीं देगा, जो कि फिलिस्तीनियों को सिनाई की तरफ धकेल रहे हैं। सिनाई फाउंडेशन फॉर ह्यूमन राइट्स के अहमद सलेम ने कहा, मिस्र की सेना ने सीमा के करीब मोर्चा संभाल लिया है और क्षेत्र की निगरानी के लिए गश्त लगा रही है।
गाजा निवासियों के पास क्या विकल्प
गाजा के 2.3 मिलियन निवासियों के लिए राफा सिनाई में एकमात्र संभावित क्रॉसिंग पॉइंट है। घनी आबादी वाली बाकी पट्टी समुद्र से और इज़राइल से घिरी हुई है। इजरायली सेना ने गाजा की पूरी घेराबंदी की घोषणा की है और कभी भी जमीनी हमला शुरू कर सकता है।
गाजा से फिलिस्तीनी चले जाएं मिस्र!
2007 से मिस्र और इज़राइल द्वारा लागू नाकाबंदी के तहत गाजा के अंदर और बाहर लोगों और सामानों के आवागमन को सख्ती से नियंत्रित किया जाता है। मंगलवार को, इजरायली सेना ने अपने एक प्रवक्ता की सिफारिश को संशोधित किया था कि गाजा में उसके हवाई हमलों से भाग रहे फिलिस्तीनियों को मिस्र जाना चाहिए।
बता दें कि मिस्र, इजराइल के साथ शांति स्थापित करने वाला पहला अरब देश है, जिसने गाजा में पिछले संघर्षों के दौरान इजराइल और फिलिस्तीनी गुटों के बीच मध्यस्थता की है और वर्तमान लड़ाई में और वृद्धि को रोकने के लिए दबाव डाला है।
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