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    Navratri Celebration : जानिए नवरात्रि में कहा मनाया जाता है सबसे बड़ा पर्व …

  • October 10, 2023

    नई दिल्ली (New Delhi)। भारत को त्योहारों का देश (India is a country of festivals) भी कहा जाता है। यहां हर त्योहार अलग-अलग परंपराओं के साथ मनाया जाता है। ऐसा ही एक त्योहार है शारदीय नवरात्रि (Navratri 2023)। ये उत्सव आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक मनाया जाता है।

    हर साल की तरह इस साल भी शारदीय नवरात्रि की शुरूआत होने वाली है, जिसकी तैयारी लोगों ने शुरू कर दी है। उदया तिथि के आधार पर इस साल शारदीय नवरात्रि 15 अक्तूबर 2023 से शुरू होगी वहीं इसका समापन 23 अक्तूबर को होगा और 24 अक्तूबर को दशमी तिथि पर विजयादशमी मनाई जाएगी।

    नव हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व (special significance) है। पंचांग के अनुसार, साल में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है जिसमें चैत्र नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि के साथ दो गुप्त नवरात्रि शामिल है। चैत्र और शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri ) का विशेष महत्व है, क्योंकि इन्हें सामान्य लोग भी रह सकते हैं।



    हिंदू धर्म में सभी त्योहारों पर रौनक और चमक दिखती है. 15 अक्टूबर 2023 से शारदीय नवरात्रि शुरु होने वाले हैं. शारदीय नवरात्रि का या महापर्व हिंदू धर्म के बड़े त्योहारों में से एक माना जाता है. नवरात्रि के इन 9 दिन देवी दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरुपों की विधि-विधान के पूजा की जाती है

    हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ शारदीय नवरात्रि आरंभ हो जाती है, जो दशमी तिथि को समाप्त होती है। जानिए इस साल 2023 शारदीय नवरात्रि किस तिथि से होगी शुरू और क्या है इसका महत्व।

    सनातन धर्म में दुर्गा पूजा का खास महत्व होता है. भारत के सभी राज्यों में अलग-अलग तरीके से नवरात्रि का महापर्व मनाया जाता है. कहीं गरबा खेला जाता है तो कहीं दुर्गा पूजा की जाती है. नवरात्रि के अंतिम 4 दिन पश्चिम बंगाल में बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं. इन चार दिनों के दौरान बंगाल महिलाएं पारंपरिक साड़ी भी पहनती हैं. साथ ही ढाक की धुन पर एक प्रकार का नृत्य किया जाता है, जिसे धुनुची कहते हैं. साथ ही पश्चिम बंगाल में जगह-जगह पर भव्य पंडाल भी लगते हैं. देवी दुर्गा को विभिन्न पकवानों का भोग लगाया जाता है और कई अन्य कार्यक्रमों भी आयोजित किए जाते हैं.

    बंगाल की दुर्गा पूजा
    पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा का पर्व बहुत ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है. यहां पर बड़े-बड़े पंडाल सजाए जाते हैं और मां दुर्गा की पूरे विधि विधान से पूजा-आरती की जाती है. बंगाल की दुर्गा पूजा देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं. बंगाल में दुर्गा पूजा पर कई तरह के तरह के भोग बनाए जाते हैं. पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा नवरात्रि के छठें दिन से शुरू होता है और नवरात्रि के दसवें दिन तक चलता है. बंगाली हिंदुओं के लिए दुर्गा और काली की आराधना सबसे बड़ा उत्सव है. पश्चिम बंगाल का दशहरा भी सबसे अलग होता है.

    शारदीय नवरात्रि में 9 दिनों की तिथि
    15 अक्टूबर 2023 – पहला दिन, घटस्थापना, मां शैलपुत्री की पूजा
    16 अक्टूबर 2023 – दूसरा दिन, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
    17 अक्टूबर 2023 – तीसरा दिन, मां चन्द्रघंटा की पूजा
    18 अक्टूबर 2023 -चौथा दिन, मां कूष्मांडा की पूजा
    19 अक्टूबर 2023 – पांचवा दिन, मां स्कंदमाता की पूजा
    20 अक्टूबर 2023 – छठा दिन, मां कात्यायनी की पूजा
    21 अक्टूबर 2023 – सातवां दिन, मां कालरात्रि की पूजा
    22 अक्टूबर 2023 – आठवां दिन, मां सिद्धिदात्री की पूजा
    23 अक्टूबर 2023 – नवां दिन, मां महागौरी की पूजा नवरात्रि व्रत पारण
    24 अक्टूबर 202- विजयादशमी, दशहरा

    शारदीय नवरात्रि 2023 महत्व
    शारदीय नवरात्रि का हिंदू धर्म का विशेष महत्व है। नौ दिनों तक चलने वाली नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने का विधान है। मां दुर्गा की विधिवत पूजा-पाठ और व्रत करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। घर का वातावरण शुद्ध होता है। इसके साथ ही घर में सुख-शांति, धन-संपदा के साथ हर कष्ट से छुटकारा मिल जाता है।

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