इंदौर सहित प्रदेशभर में अगले दो माह सिर्फ चुनावी हलचल ही, राजनीतिक दांव-पेंच के बीच ही नवरात्रि, दशहरे से लेकर दीपावली तक प्रमुख त्योहार मनेंगे
राजनीतिक रसूख खत्म… आज से अफसरों का राज
इंदौर, राजेश ज्वेल। दोपहर 12 से चुनाव आयोग मध्यप्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर रहा है। उसके साथ ही तुरंत प्रभाव से आचार संहिता भी लागू हो जाएगी। राजनीतिक रसूख भी अभी दो महीने खत्म सा ही रहेगा और अफसरों का राज कायम होगा। पिछले कई दिनों से आचार संहिता का ही सभी को इंतजार था, ताकि लोक लुभावनी घोषणाओं पर रोक लग सके। अब अगले दो महीने प्रदेशभर में सिर्फ राजनीतिक दांव-पेंच ही चलते रहेंगे और उनके बीच ही नवरात्रि, दशहरा से लेकर दीपावली जैसे बड़े त्योहार मनेंगे।
अग्निबाण ने 7 या 9 अक्टूबर को चुनावी घोषणा और आचार संहिता लगने की बात कही थी और आज सुबह आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाने की सूचना जारी कर दी, जिसके साथ सोशल मीडिया पर भी चुनावी घोषणा का हल्ला मच गया। मुख्य चुनाव आयुक्त मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना के चुनावी कार्यक्रमों की घोषणा करेंगे, यानि इन राज्यों में कब से नामांकन फार्म जमा होंगे, नाम वापसी से लेकर मतगणना तक की तिथि तय की जाएगी। उम्मीद है कि मध्यप्रदेश में एक ही चरण में सभी 230 सीटों पर चुनाव कराए जा सकते हैं और नवम्बर अंत में मतदान और दिसम्बर के पहले व दूसरे हफ्ते के बीच मतगणना की संभावना है। आयोग की घोषणा के साथ ही प्रदेशभर में राजनीतिक हलचल बढ़ गई। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों द्वारा अब प्रत्याशियों की घोषणा के साथ चुनावी दांव-पेंच शुरू हो जाएंगे और दो महीने तक सारी गतिविधियां ठप रहेंगी। हालांकि नवरात्रि, दशहरे, दीपावली जैसे सभी प्रमुख बड़े त्योहार इसी बीच सम्पन्न होंगे। चुनाव कार्यक्रम घोषित होते ही तुरंत प्रभाव से आचार संहिता भी लागू हो जाएगी, जिसके चलते राजनीतिक दबाव-प्रभाव, रसूख नहीं चलेगा और पूरा प्रशासनिक तंत्र आयोग के अधीन आ जाएगा, यानि अगले दो महीने अफसरों का ही राज रहेगा। भाजपा ने अपनी हारी हुई 78 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है और कांग्रेस ने भी लगभग 130 सीटों पर दिल्ली में हुई बैठक में विचार-मंथन कर सूची बना ली। मगर उम्मीदवारों की घोषणा संभवत: श्राद्ध पक्ष खत्म होने के बाद हफ्तेभर बाद की जाएगी, वहीं भाजपा की सूची जरूर आ सकती है। अब दोनों प्रमुख दलों में चुनावी हमले तेज हो जाएंगे।
लोकार्पण, भूमिपूजन से लेकर लोक लुभावनी घोषणाओं पर भी आज से रोक
यह पहला ऐसा चुनाव है, जिसमें मूसलाधार बारिश की तरह लोक लुभावनी घोषणाएं मुख्यमंत्री ने की हैं और हजारों करोड़ के लोकार्पण-भूमिपूजन भी कर डाले। लाड़ली बहना से लेकर तमाम घोषणाओं को चुनावी जीत के लिए किया गया। अब इन सभी पर आज से रोक लग गई है। स्थानीय संस्थाओं, जिनमें प्राधिकरण, निगम से लेकर अन्य मंडल आते हैं, उनमें जो राजनीतिक नियुक्तियां की गई हैं, वे भी अब बेअसर रहेंगी और उससे जुड़ी घोषणाएं भी नहीं की जा सकेंगी। जो काम पहले से मंजूर हैं, वे अवश्य चलते रहेंगे। मगर नए निर्माण, टेंडर या अन्य गतिविधियां अब आज दोपहर 12 बजे के बाद से नहीं होंगी।
सरकारी वाहन और सुविधाएं छोड़ निजी में करना पड़ेगा नेताओं को सफर
चुनाव आयोग से पूछकर ही अब मुख्यमंत्री को भी हवाई जहाज का इस्तेमाल करना पड़ेगा, तो मंत्रियों से लेकर महापौर, अध्यक्ष सहित निगम मंडलों के पदाधिकारियों को भी सरकारी वाहन और सुविधाएं छोड़ निजी वाहनों में सफर करना पड़ेगा। आचार संहिता लागू होते ही महापौर, प्राधिकरण अध्यक्ष सहित परिषद् सदस्यों व अन्य नेताओं को वाहनों के साथ-साथ दफ्तरों में बने कक्षों का उपयोग भी छोडऩा पड़ेगा। वैसे तो सारे ही नेता चुनावी जंग के चलते मैदान में ही रहेंगे।
प्रिंटिंग सामग्री छापने वालों को भी थमाए आयोग के दिशा-निर्देश
पेम्पलेट, पोस्टर, पर्चे व अन्य चुनावी प्रचार-प्रसार की सामग्री छापने वाले प्रिंट व्यवसायियों को भी जिला निर्वाचन कार्यालय ने हिदायत दी है कि प्रकाशित सामग्री की प्रतियां जमा करवाना होंगी और मुद्रक, प्रकाशक का नाम, पता अनिवार्य रूप से प्रकाशित करें और संख्या भी अंकित की जाए और उल्लंघन पाए जाने पर 6 माह तक का कारावास और 2 हजार रुपए तक का जुर्माना भुगतना पड़ेगा। घृणा फैलाने, धार्मिक भावनाओं को भडक़ाने सहित आपत्तिजनक सामग्री का प्रकाशन ना करने की भी हिदायत दी गई है और मुद्रित व प्रकाशित सामग्री के आधार पर ही उसका खर्चा प्रत्याशी के व्यय लेखा में जोड़ा जाएगा।
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