इंदौर (Indore)। जब भी इंदौर आता हूं, यहां के पोहे में सेंव और जीरावन डालकर जरूर खाता हूं। जाते हुए हींग की कचोरी पैक करवाकर ले जाने वाला हूं। मुझे लगता है इंदौर के खाने का एक अलग ही टेस्ट है। यहां के खाने में खट्टा, मीठा, तीखा, नमकीन का कॉम्बिनेशन है, जो इस अन्य राज्यों के खाने से अलग बनाता है। इंदौर को अपने इस स्वाद को पेटेंट करवाना चाहिए।
ये बात इंदौर आए सैकड़ों रेसिपी देने वाले सेलिब्रिटी शेफ संजीव कपूर ने कही। वे कल इंदौर में वंडरशेफ लर्न फ्रॉम शेफ वर्कशॉप के लिए आए थे। इस वर्कशॉप में कल शहर की करीब चार सौ महिलाओं ने शेफ से किचन टिप्स लेने के साथ ही गेम्स भी खेले और खूब तस्वीरें भी लीं। शेफ संजीव कपूर ने मिलेट्स वर्ष को देखते हुए सारी रेसिपी भी मिलेट्स से ही बनाई और कहा कि ये हमारा सौभाग्य है कि इस मिलेट्स वर्ष के चलते हम अपने उन अनाजों को वापस किचन में लेकर आ रहे हैं, जो हमने अपने किचन से बाहर करते हुए पीछे छोड़ दिए थे।
पेरेंट्स के कारण बच्चे जा रहे जंक फूड की ओर
शेफ संजीव कपूर ने उस वक्त शेफ होना चुना था, जब इस प्रोफेशन को कोई समझता ही नहीं था। परिवार ने हां की, तो वे आगे बढ़े और कहते हुए गर्व महसूस करते हैं कि मेरे शो के बाद कई ने शेफ होने को प्रोफेशन बनाया। आज अगर वे किसी शेफ से मिलते हैं और वो कहते हैं कि हमने आपको देखकर ही प्रेरणा ली, तो एक अलग ही गर्व महसूस होता है। वे कहते हैं कि घर में इन सबके लिए माहौल होना बेहद जरूरी है। बच्चे तभी खुलकर अपने दिल की बात पेरेंट्स से कर पाएंगे। वे खुश हैं कि उनकी विरासत को उनकी दोनों बेटियां अब आगे बढ़ा रही हैं। जंक फूड की बच्चों में बढ़ती आदत के लिए वे पेरेंट्स को ही जिम्मेदार मानते हैं।
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