इंदौर (Indore)। मित्रता के लिए उदारता की मिसाल रहे कैलाश विजयवर्गीय जिसे अपना बनाते हैं उसका साथ जीवनभर ही नहीं, बल्कि जीवन के बाद भी निभाते हैं। इसका उदाहरण कल फिर उन्होंने प्रस्तुत किया, जब सभी ओर से उपेक्षित भाजपा के दिवंगत नेता प्रखर प्रवक्ता उमेश शर्मा के निधन के बाद से न केवल उनके परिवार की देखभाल कर रहे विजयवर्गीय को जब यह जानकारी मिली कि उमेश शर्मा ने घर बनाने के लिए 25 लाख रु. का लोन लिया था और उसके चुकारे के लिए परिजन परेशान हो रहे हैं तो उन्होंने बाले-बाले 25 लाख रु. का लोन चुका दिया।
विजयवर्गीय का यह अद्भुत चरित्र है कि वे जिसे अपना बनाते हैं उसका हर परिस्थिति में साथ निभाते हैं। बरसों पहले उनके मित्र राजेश जोशी की राजनीतिक हत्या हो गई थी, तब से लेकर आज तक पूरे परिवार को अपना परिवार मानकर न केवल वो उनका साथ निभा रहे हैं, बल्कि हर वर्ष जोशी की पुण्यतिथि पर वे विशेष आयोजन भी करते हैं। रमेश मेंदोला को अपनी सीट सौंपने की दरियादिली दिखाकर पूरे शहर को मित्रता का परिचय देने वाले विजयवर्गीय ने कई मित्रों को राजनीतिक ऊंचाइयां दीं। इतना ही नहीं, यह संस्कार उन्होंने अपने पुत्र विधायक आकाश विजयवर्गीय को भी दिए, जिन्होंने उमेश शर्मा के निधन के बाद उनके दिव्यांग पुत्र को भी हर मंच पर स्थान दिलाया। इतना ही नहीं, आकाश खुद अनवेष की बाइसिकल धकाकर मंच पर लाते नजर आए। यही कारण है कि इंदौर की दो विधानसभा सीटें और महू विधानसभा सीट उन्होंने इसी चरित्र के चलते हासिल की और उनका यह दावा हर समय साबित हुआ है कि मेरे मित्र और कार्यकर्ता मेरा चुनाव लड़ते हैं।
शर्मा परिवार को मदद देकर बोला- किसी को पता मत चलने देना…भावुक परिजनों ने डाल दी पोस्ट
स्व. उमेश शर्मा के परिजनों को मदद करने के बाद विजयवर्गीय ने यह संदेश भी पहुंचाया था कि वे मेरे परिवार के हैं और परिवारजनों की मदद करना कोई प्रचार का काम नहीं होता। इसलिए किसी को पता मत चलने देना कि मैंने मदद की है, लेकिन भावुक हुए उमेश के पुत्र अन्वेश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल ही दी।
अन्वेश शर्मा भी अपने पिता की तरह बोलने में स्पष्टवादी और वाक पटुता में माहिर हैं। वे अपने पिता के साथ पार्टी और सामाजिक आयोजनों में भी नजर आते रहे हैं, लेकिन पिता की मौत के बाद पिछले एक साल से वे टूट से गए थे। कल उन्होंने जो पोस्ट डाली वह भावुक करने वाली थी। उन्होंने कहा कि मेरे पिता के जाने के बाद जो हाथ मेरे सिर पर था, वह मेरे भैया आकाश विजयवर्गीय का था और वे मेरे साथ हमेशा खड़े रहे। उन्होंने 2 मिनट के वीडियो में यह भी बताया कि ताऊजी कैलाश विजयवर्गीय ने जो उपकार हमारे ऊपर किया है, उसे हम जिंदगीभर नहीं भूल पाएंगे, क्योंकि फ्लेट पर लिया हुआ कर्ज बढ़ता जा रहा था। विजयवर्गीय के नजदीकियों ने बताया कि अपने पुत्र कल्पेश के हाथों उन्होंने चेक भेजा और बैंक का बकाया जमा करवाया ओर कहा था कि किसी को मत बताना, लेकिन भावावेश में आए अन्वेश ने सोशल मीडिया के माध्यम से बता दिया कि विजयवर्गीय परिवार उनके लिए क्या है।
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