मॉस्को (Moscow)। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने बृहस्पतिवार को कहा कि रूस (Russia) तीन दशक के बाद एक बार फिर परमाणु परीक्षण (Nuclear testing) आरंभ कर सकता है और परमाणु परीक्षण प्रतिबंध समझौते (Nuclear Test Ban Agreement) से बाहर निकल सकता है।
दुनिया के सबसे बड़े परमाणु ताकत के सर्वोच्च नेता ने यह भी माना कि रूस ने परमाणु क्षमता से लैस मिसाइल बरेवेस्तनिक (Nuclear-capable missile Barevestnik) का सफल परीक्षण किया है और दुनिया में अभी इसकी ताकत का कोई मुकाबला नहीं है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि इसका परीक्षण कब किया गया। पुतिन ने पश्चिम पर परमाणु समझौता भूलने का भी आरोप लगाया।
पुतिन ने कहा, रूस की परमाणु नीति को बदलने की अभी कोई जरूरत नहीं है क्योंकि रूस पर होने वाला कोई भी हमला सैकड़ों परमाणु मिसाइलों के साथ सेकंड से कम समय में प्रतिक्रिया को आमंत्रित करेगा और कोई भी दुश्मन इसका सामना नहीं कर पाएगा। उन्होंने कहा, क्या हमें इस नीति को बदलने की जरूरत है? क्यों? किसी भी चीज में बदलाव हो सकता है लेकिन मैं इसमें बदलाव की जरूरत नहीं देखता। पुतिन ने यह भी कहा कि वह रूस के लिए अभी कोई खतरा नहीं देखते।
परमाणु परीक्षण प्रतिबंध की संधि से निकल सकता है रूस
पुतिन ने कहा, मैं अभी यह कहने के लिए तैयार नहीं हूं कि हमें परीक्षण करने की सच में जरूरत है, लेकिन सैद्धांतिक रूप से यह संभव है कि हम अमेरिका की तरह की व्यवहार करें। लेकिन यह रूसी संसद ड्यूमा के उप प्रमुखों के विचार करने का सवाल है। सैद्धांतिक रूप से यह संभव है कि हम परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि की पुष्टि वापस ले लें।
डॉलर के मुकाबले 100 रूबल से भी नीचे गई रूस की मुद्दा
पुतिन जब पश्चिम और अमेरिका पर आरोप लगा रहे थे तब रूस की मुद्रा रूबल का मूल्य अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 100 से भी नीचे चला गया। यूक्रेन पर हमले से एक दिन पहले एक डॉलर की कीमत 80 रूबल थी। पुतिन ने कहा, कोई भी सही दिमाग और स्पष्ट याद्दाश्त वाला व्यक्ति रूस के खिलाफ परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के बारे में सोच भी नहीं सकता।
नई पीढ़ी के मिसाइलों पर काम हुआ पूरा
पुतिन ने कहा, रूस ने नई पीढ़ी के अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइलों पर अपना काम करीब करीब पूरा कर लिया है। यह मिसाइलें 10 या अधिक परमाणु मुखास्त्र ले जा सकती हैं। इस वर्ष फरवरी में पुतिन ने न्यू स्टार्ट संधि में हिस्सेदारी को निलंबित कर दिया था। अमेरिका के साथ यह संधि दोनों पक्षों की ओर से परमाणु मिसाइलों की तैनाती की संख्या निर्धारित करती है।
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