नई दिल्ली (New Dehli) । अंतरिक्ष (space)की दुनिया में अगले कुछ दिन बड़े घटनाक्रम (events)वाले होंगे। अगले तीन दिनों तक पृथ्वी की कक्षा (earth’s orbit)के करीब से लगातार बड़े एस्टेरॉयड (asteroid)गुजरेंगे। इनमें सबसे बड़ा एस्टेरॉयड अमेरिका के गोल्डन गेट पुल के आकार का है। जबकि अन्य एस्टेरॉयड बोइंग विमान के बराबर होंगे। नैनीताल स्थित आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान के पब्लिक आउटरीच कार्यक्रम प्रभारी डॉ. विरेंद्र यादव के अनुसार सभी एस्टेरॉयड पृथ्वी व चांद से करीब 3.85 किमी से अधिक दूरी से गुजरेंगे। इसलिए यह पृथ्वी के लिए खतरे की श्रेणी से बाहर हैं।
मंगलवार रात से शुरुआत
मंगलवार रात पहला गोल्डन गेट पुल के आकार का एस्टेरॉयड 2008-क्यूवाई पृथ्वी से 6.32 लाख किलोमीटर की दूरी से गुजर रहा है। यह करीब 670 मीटर का है। यह सूर्य का चक्कर लगाकर वापस पृथ्वी की तरफ आ रहा है। चार अक्टूबर की रात 2023 एसएन-6 पृथ्वी से 4.83 लाख किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा। यह बोइंग विमान के आकार का एस्टेरॉयड है। पांच अक्तूबर की रात करीब एक बजे 40 मीटर लंबा 2023 क्यूसी-8 एस्टेरॉयड पृथ्वी और चांद के बीच से गुजरेगा। इसके करीब एक घंटे के बाद 2023 आरएफ-10 पृथ्वी से 6.07 लाख किलोमीटर दूरी पर होगा। यह करीब 26 मीटर लंबा है।
12 अक्तूबर को सूर्य, 28 को चंद्र ग्रहण होगा
अक्टूबर के महीने में सूर्य और चंद्र ग्रहण भी लगेंगे। सूर्य ग्रहण 12 अक्तूबर को लगेगा पर यह भारत में नजर नहीं आएगा। यह ग्रहण केवल उत्तरी अमेरिका, अर्जेंटीना, कनाडा, हैती, बहामास, क्यूबा, और ब्राजील आदि देशों में देखा जा सकेगा। हालांकि 28 अक्तूबर को होने वाला चंद्रग्रहण भारत में नजर आएगा। यह दोपहर 2 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगा और रात 2 बजकर 22 मिनट तक चलेगा। ऐसे में इस समय सूतक काल भी प्रभावी होगा। यह साल के दूसरे चंद्र व सूर्य ग्रहण होंगे।
टूटते तारों की बारिश का महीना
अक्टूबर टूटते तारों की बारिश का महीना होगा। 9 अक्टूबर से ड्रेकोनिड्स उल्कापात होगा। इसमें हर घंटे 400 से अधिक टूटते तारों को देखा जा सकेगा। इस उल्कापात को लोग रात में नग्न आंखों से बिना किसी टेलीस्कोप के भी देख पाएंगे। 21 और 22 अक्तूबर से ओरियोनिड्स उल्का बौछार अपने चरम पर होगी । भारतीय समय के अनुसार रात साढ़े दस बजे से सुबह छह बजे के मध्य टूटते तारों की यह बारिश नजर आएगी।
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