नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राम सेतु के आसपास (Around Ram Setu) दीवार बनाने की मांग वाली जनहित याचिका पर (On PIL demanding Construction of Wall) विचार से इनकार कर दिया (Refused to Consider) । सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उस जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें केंद्र को राम सेतु के आसपास दीवार बनाने और इसे राष्ट्रीय विरासत स्मारक के रूप में घोषणा करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि ये सरकार के लिए प्रशासनिक मामले हैं और अदालतों को इनमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। पीठ ने आदेश दिया, ”हम संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत अपने अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करते हुए याचिकाकर्ता द्वारा चाहा गया कोई भी निर्देश देने के इच्छुक नहीं हैं।” इसके अलावा, इसने सरकार को याचिका को एक प्रतिनिधित्व के रूप में मानने का निर्देश नहीं दिया। शीर्ष अदालत ने व्यक्तिगत रूप से याचिकाकर्ता से कहा, “इसे सरकार को दें, हम आपको रोक नहीं रहे हैं।”
हिंदू पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा अपने अध्यक्ष अशोक पांडे के माध्यम से दायर जनहित याचिका में दावा किया गया कि केंद्र सरकार राम सेतु के प्रबंधन के लिए आवश्यक कदम उठाने में विफल रही है। गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने राम सेतु को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने के लिए पूर्व भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर इसी तरह की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की थी और केंद्र सरकार से जवाब मांगा था।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved