उज्जैन। नगर निगम द्वारा स्वच्छता अभियान के तहत जो नाश्ता बाँटा गया था वह चर्चा में बना हुआ है। महात्मा गांधी की जयंती की एक दिन पहले नगर निगम ने पूरे शहर में स्वच्छता अभियान चलाया था और इस स्वच्छता अभियान में स्वयंसेवी और राजनीतिक दलों के हजारों कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि सम्मिलित हुए थे। इस कार्यक्रम में स्वच्छता अभियान के बाद जो नाश्ता दिया गया उसको लेकर चर्चा बनी रही। कल शहर के 10 से अधिक स्थानों पर विभिन्न जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में नगर निगम की तरफ से स्वच्छता अभियान चलाया गया।
इसमें स्वच्छता अभियान के बाद नगर निगम की ओर से सभी को नाश्ते के पैकेट बांटे गए नाश्ते के पैकेट इतने आकर्षक थे कि लोगों को बहुत अच्छा लगा लेकिन जब लोगों ने यह पैकेट खोला तो कहने लगे पैकेट इतना अच्छा और महंगा और इसके अंदर खाद्य सामग्री इतनी घटिया पैकेट के अंदर 5 से 6 चिप्स छोटी सी कचोरी और एक छोटा सा सूजी का गुलाब जामुन था। लोगों ने कहा कि 8 से 10 रुपए का भी नाश्ता नहीं होगा और नगर निगम इसके 60-70 रुपए के बिल बना देगी और नाश्ते में भी बड़ा भ्रष्टाचार होगा। कल स्वच्छता अभियान के दौरान नगर निगम ने करीब तीन से चार हजार पैकेट नाश्ता विभिन्न लोगों को दिया है दिया है। नगर निगम को चाहिए कि वह जिस भी वितरक से यह नाश्ता ले रही है। कम से कम उसे मात्रा और गुणवत्ता पर ध्यान देने के लिए निर्देश दे निर्देश दे।
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