नई दिल्ली (New Dehli) । पाकिस्तान (Pakistan)का प्रमुख आतंकवादी (Terrorist)संगठन लश्कर-ए-तैयबा के अंदर विवाद गहराता (deepening)जा रहा है। पहले इसके सरगना हाफिज सईद (Kingpin Hafiz Saeed)के बेटे की हत्या कर दी गई। अब खबर आ रही है कि हाफिज के राइट हैंड माने जाने वाले मुफ्ती कैसर फारूक को भी अज्ञात बंदूकधारियों ने मार डाला। कराची में ईधी सेंटर इलाके में गुलशन-ए-उमर मदरसा में काफी करीब से गोलियों से भून डाला।
पाकिस्तानी मीडिया ने फारूक की हत्या के पीछे के संभावित मकसद पर चुप्पी साध ली है। वहीं सूत्रों ने हत्या के लिए लश्कर कैडरों के बीच अंदरूनी कलह को जिम्मेदार ठहराया है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्टों में पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि फारूक को पीठ में गोली लगी थी और उसे अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस हमले में एक 10 वर्षीय लड़का घायल हो गया।
फारूक की हत्या के वीडियो भी आए सामने
फारूक की हत्या का सीसीटीवी फुटेज होने का दावा करने वाले वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए। फुटेज में लोगों को भागते हुए और फारूक को गोली लगने के बाद सड़क पर गिरते हुए देखा जा सकता है।
स्थानीय शख्स ने मारी गोली
सूत्रों ने कहा कि हत्या को उन आतंकियों ने अंजाम दिया है, जिन्हें उस इलाके की पूरी भौगोलिक जानकारी थी। इसमें स्थानीय लोग शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में किसी बाहरी व्यक्ति के लिए हत्या को अंजाम देना असंभव था।
मौलवियों के लिए काल बना सितंबर
आपको बता दें कि सितंबर महीने में आतंकवादी संगठनों से जुड़े धार्मिक मौलवियों की की ताबड़तोड़ हत्या हुई है। इस दौरान लश्कर के गुर्गों को सबसे ज्यादा निशाना बनाया गया। इन हत्याओं ने आतंकवादी संगठन लश्कर के अंदर जारी लड़ाई को उजागर कर दिया है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने इस मामले को शांत करने की कोशिश की थी, लेकिन वे विफल रहे।
हाफिज के बेटे के खिलाफ विद्रोह
लश्कर-ए-तैयबा के अंगर हाफिज सईद के बेटे तल्हा को दूसरे नंबर का कमांडर बनाए जाने के खिलाफ जमकर विद्रोह हो रहा है। तल्हा लश्कर-ए-तैयबा के दूसरे कमांडर के रूप में भारत के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों का नेतृत्व कर रहा है। वह 2019 में लाहौर में एक रेफ्रिजरेटर की दुकान के पास हुए बम विस्फोट में मारे जाने से बाल-बाल बच गया था। इस घटनाक्रम को लश्कर में अंदरूनी कलह के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। लश्कर के कई वरिष्ठ गुर्गों ने हाल ही में अपनी जान को खतरा जताया है।
ISI के ठिकानों पर आतंकियों को पनाह
हाल ही में लश्कर-ए-तैयबा के संचालक और प्रमुख मौलवी मौलाना जियाउर रहमान की हत्या के बाद, पाकिस्तान में एक दर्जन से अधिक आतंकवादियों और उनके समर्थकों को आईएसआई के सुरक्षित ठिकानों पर रखा गया है। रहमान की कराची के गुलिस्तान-ए-जौहर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रहमान को पॉइंट ब्लैंक रेंज से कई गोलियां मारी गईं।
रहमान की हत्या ने आतंकवादी और खालिस्तान कमांडो फोर्स के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवार की हत्या की याद दिला दी, जिसकी मई में लाहौर में आवास के पास सुबह की सैर के दौरान अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved