नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी स्वच्छ नोट पॉलिसी के तहत 19 मई 2023 को 2000 रुपये के नोट वापस ले लिए थे। आरबीआई ने उस वक्त कहा था कि लोग 2,000 रुपये के नोट 30 सितंबर 2023 तक वापस कर सकते हैं। कल 30 सितंबर है, ऐसे में माना जा रहा है कि आरबीआई 2000 रुपये के नोट वापस करने की तारीख को बढ़ा सकता है।
मनीकंट्रोल बेवसाइट की खबर के अनुसार इस मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार आरबीआई देश के बैंकों को 2,000 रुपये के नोट वापस करने के लिए अक्टूबर के अंत तक का समय दे सकता है। हालांकि इस अधिकारी ने यह जानकारी नाम न छापने की शर्त पर दी है।
इस अधिकारी के अनुसार ऐसा लगता है कि आरबीआई 2,000 रुपये के नोटों को जमा करने और बदलने की तारीख कम से कम एक महीने के लिए बढ़ा देगा, क्योंकि इसमें अनिवासी भारतीयों के साथ-साथ विदेशों में रहने वाले अन्य लोगों को भी ध्यान में रखना होगा।
आरबीआई के अनुसार 1 सितंबर 2023 तक 3.32 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 2,000 रुपये के नोट, या प्रचलन में मौजूद इन नोटों का 93 प्रतिशत बैंकिंग प्रणाली में वापस आ गया है। ऐसे में माना जा सकता है कि कुछ ही नोट बचे हैं, तो बदले नहीं गए हैं। इसलिए आरबीआई 30 सितंबर की तारीख 1 माह बढ़ा सकता है।
मनीकंट्रोल से बात करने वाले कुछ बैंकरों का मानना है कि समय सीमा बढ़ाने का उद्देश्य करेंसी नोटों की यथासंभव 100 प्रतिशत वापसी सुनिश्चित करना हो सकता है। आरबीआई संभवत: उन लोगों के लिए विशेष छूट लेकर आ सकता है, जो समय सीमा से चूक गए हैं। वहीं बैंकों में अब तक 2,000 रुपये के नोट जमा करने या बदलने के लिए कोई भीड़ नहीं देखी गई है। कम से कम तीन बैंकों से प्राप्त डेटा से पता चलता है कि जमा और विनिमय में 2,000 रुपये के नोटों का एक बड़ा हिस्सा व्यवसायों से था, न कि व्यक्तिगत ग्राहकों से।
देश में जब नोटबंदी लागू हुई थी, उस वक्त 2000 रुपये का नोट जारी किया गया था। उस वक्त देश में बड़े नोटों की काफी कमी थी, ऐसे में 500 के अलावा 2000 रुपये का नोट छापना शुरू किया गया था। बाद में 500 रुपये के नोट और अन्य छोटे नोट सिस्टम में काफी मात्रा में आ गए। वहीं आरबीआई ने 2018-19 में 2,000 रुपये के नोटों की छपाई भी बंद कर दी गई थी। ऐसे में माना जा रहा है कि देश में अब 500 रुपये का नोट ही सबसे बड़ा नोट बना रहेगा।
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